नईदिल्ली: अगर आपके पास है 50 रुपए का ये पुराना नोट तो आपको 50 हजार मिल सकते हैं। वैसे इस नोट क कीमत तीन लाख से करोड़ों रुपये तक हो सकती है।
आश्चर्य चकित मत होइए यह सही है। देश के आन्ध्रप्रदेश राज्य में सिक्के की दुकान लगाने वाले व्यापारी के पास इसी तरह कुछ नोट संग्रहित किये हैं जिनमें से 50 रुपए, 20 रुपए का पुराना नोट उन्होंने तीन लाख रूपये में बेचा है। यदि आपके पास भी तरह के नोट हैं तो उन्हें आप भी ऑनलाइन शॉप पर बेच सकते हैं। इससे पहले 25 पैसे का सिक्का भी आपको 2 लाख दिलाने का ऑफर लाया था।
जानिए 25 पैसे का ‘गैंडे’ वाला सिक्का इतिहास
पाई, अधेला और दुअन्नी, एक पैसा, दो पैसे, पांच पैसे, दस पैसे और 20 पैसे के बाद अब चवन्नी भी आज से इतिहास में समा गई। चवन्नी धातु का एक सिक्का मात्र नहीं थी बल्कि हमारे इतिहास का एक ऐसा गवाह भी थी जिसने वक्त के न जाने कितने उतार चढ़ाव देखे।
सन् 1919, 1920 और 1921 में जार्ज पंचम के समय खास चवन्नी बनाई गई थी. इसका स्वरूप पारंपरिक गोल न रखते हुए अष्ट भुजाकार रखा गया था। यह चवन्नी निकल धातु से तैयार हुई थी लेकिन यह खास आकार लोगों को लुभा नहीं पाया। इतिहासकारों की मानें तो यह पहली ऐसी चवन्नी थी जिसका आकार गोल नहीं था।
इतिहासकार बताते हैं कि मशीन से बनी चवन्नी पहली बार 1835 में चलन में आई उसे ईस्ट इंडिया कंपनी के विलियम चतुर्थ के नाम पर जारी किया गया था। तब यह चांदी की हुआ करती थी। पुराने सिक्कों के संग्रह का शौक रखने वाले 67 वर्षीय बुजुर्ग श्रीभगवान ने बताया कि 1940 तक आयी चवन्नियां पूरी तरह चांदी की रहीं लेकिन इसके बाद मिलावट का दौर शुरू हुआ और 1942 से 1945 के बीच आधी चांदी की चवन्नी बाजार में उतारी गई। लेकिन उसके बाद 1946 से निकल की चवन्नी चलन में आई। निकल की चवन्नी के एक तरफ जार्ज षष्टम और दूसरी ओर इंडियन टाइगर का चित्र बना हुआ था।