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गुजरात में भी भारत-पाकिस्तान सीमा पर बनेगा ‘वाघा बॉर्डर’

wagah_border_gujarat_20161214_95834_14_12_2016अहमदाबाद। पंजाब में अमृतसर स्थित लोकप्रिय पर्यटक स्थल ‘वाघा बॉर्डर’ की तर्ज पर गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा पर भव्य गेट बनाकर इसे टूरिस्ट स्पॉट बनाने की तैयारी की जा रही है। यह स्पॉट गुजरात के सुइगम गांव के करीब बनासकांठा जिले में बनाया जाएगा। सीएम विजय रूपानी ने देश-दुनिया में मशहूर कच्छ रण उत्सव के उद्घाटन समारोह में घोषणा करते हुए कहा, हम यहां पर्यटकों के लिए हर वह सुविधा मुहैया करवाएंगे, जो वाघा बॉर्डर पर उपलब्ध रहती हैं।

The astonishing landscape of white salt of the Great Rann of Kutch scintillating in the moonlight is the magnetism of the Rannotsav. pic.twitter.com/blneiL08H3 – Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) December 13, 2016

इसके अलावा सीएम विजय रूपानी ने गिरि वाइल्ड लाइफ सेंचुरी में सीएम ने पांच लॉयन सफारी पार्कों के निर्माण का भी ऐलान किया। कहा गया कि इनमें से एक पार्क अमरेली जिले के अंबार्दी में जल्द ही खुल जाएगा।

Keeping alive the rich Kutchi traditions & its warm hospitality, happy to add 10 more Bhungas, typical traditional mud houses at Dhordo. pic.twitter.com/pFEPYTsjHp – Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) December 13, 2016

रूपानी ने भुंगाओं (कच्छ की पारंपरिक झोंपड़ियां) का भी उद्घाटन किया। इन भुंगाओं को खास तौर पर पर्यटकों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। सीएम ने ‘रण ऑफ कच्छ’ जाकर टेंट सिटी का भ्रमण किया व ऊंट की सवारी का आनंद लिया।

कच्छ का रण

आमतौर पर तो कच्छ के रण को विश्व के महत्वपूर्ण रण क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है, यहां हर समय भारत के सीमा प्रहरियों के पैरों के निशानों की मौजूदगी देखने को मिलती है। मगर जब रणउत्सव की बात हो तो माहौल कुछ अलग हो जाता है।

आप यह सोच रहे होंगे कि रणोत्सव में तो युद्धक टैंक, युद्धक हथियारों और जवानों के युद्ध कौशल का प्रदर्शन होता है। मगर यहीं आप गलती कर रहे हैं। इस क्षेत्र को स्वामी विवेकानंद के लिए भी जाना जाता है माना जाता है कि स्वामी विवेकानंद ने यहां की यात्रा की थी।