सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी को एयरसेल-मैक्सिस मामले में पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के खिलाफ अपने आरोपों की पुष्टि के लिए पुख्ता सबूत पेश करने के लिए कहा। स्वामी ने 2006 में एयरसेल-मैक्सिस करार को मंजूरी देने में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) द्वारा नियमों का उल्लंघन किए जाने का आरोप लगाया है।
शीर्ष अदालत ने स्वामी से कहा कि वे तभी नोटिस जारी करेंगे, जब वे प्रथमदृष्टया संतुष्ट हों कि करार को मंजूरी दिए जाने के समय तत्कालीन वित्त मंत्री चिदंबरम नियमों का उल्लंघन होने से वाकिफ थे।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. केहर, न्यायमूर्ति एन. वी. रमन्ना और न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ की पीठ ने कहा कि पहले हमें इस निष्कर्ष पर पहुंचना होगा कि चिदंबरम इसके बारे में जानते थे।
स्वामी ने इस पर कहा कि वह चिदंबरम के खिलाफ अपने आरोपों के संबंध में पुख्ता सबूत पेश करेंगे, तो अदालत ने उन्हें सबूत पेश करने के लिए दो सप्ताह का समय दे दिया और सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
स्वामी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रिपोर्ट के हवाले से चिदंबरम पर यह आरोप लगाए हैं।