कोरोनी की दूसरी लहर के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले केजीएमयू नर्सिंग तृतीय वर्ष के छात्र रितांशु मौर्या को मानकनगर पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी के कई साथियों को पुलिस पहले ही जेल भेज चुकी है। रितांशु के खिलाफ नाका कोतवाली में भी मुकदमा दर्ज है। उसकी तलाश में पुलिस ने बाराबंकी में कई बार दबिश दी थी।
डीसीपी मध्य डॉ. ख्याति गर्ग के मुताबिक 23 अप्रैल को मानकनगर पुलिस ने हसनगंज निवासी कौशल कुमार शुक्ला, क्वीन मैरी का स्टाफ नर्स राकेश कुमार तिवारी, केजीएमयू नर्सिंग के छात्र विकास चंद्र दुबे और लॉरी कार्डियो के टेक्निशियन अजीत आजाद को गिरफ्तार किया था। पुलिस के दबिश देने पर केजीएमयू नर्सिंग तृतीय वर्ष का छात्र बाराबंकी रामनगर निवासी रितांशु मौर्या फरार हो गया था। इंस्पेक्टर अशोक कुमार सरोज की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही थी। बुधवार दोपहर सिंगारनगर के पास से रितांशु मौर्या को पकड़ा गया।
अस्पताल से चोरी कर बेचते थे इंजेक्शन
एडीसीपी चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक रितांशु ने बताया कि उसे तहजीबुल हसन रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराता था। शुरू में गिरोह ने महंगे दाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे थे। रितांशु के मुताबिक अस्पताल में भर्ती कोविड मरीजों के लिए इंजेक्शन मंगाए जाते थे। जिसे वह लोग चोरी कर बाजार में बेच देते थे। 23 अप्रैल को ही नाका पुलिस ने भी अंकुर वैश्य, अमनदीप मदान, अंशू गुप्ता और राम सागर वैश्य को पकड़ा था। एसआई संजय शुक्ल की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में भी रितांशु मौर्या को फरार घोषित किया गया था। नाका पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों ने रितांशु पर इंजेक्शन लाकर देने का आरोप लगाया था। इंस्पेक्टर मानकनगर के मुताबिक तहीजबुल हसन के खिलाफ कुछ दिन पूर्व ही रासुका की कार्रवाई की गई है। जल्द ही रितांशु मौर्या पर भी कानूनी औपचारिकता पूरी करने के बाद रासुका लगाने की संस्तुति की जायेगी।