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नगर निगम से परेशान मकान मालिक ने राष्ट्रपति से मांगी इच्छा मृत्यु, जानिए पूरा मामला

राजधानी के एक भवन स्वामी ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगी है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द को लिखे पत्र में उसने कहा है कि वह नगर निगम की प्रताड़ना से तंग आ चुका है और अब उसे इच्छा मृत्यु चाहिए। उसने इस पत्र की प्रति प्रधानमंत्री को भी भेजी है और ट्विटर पर भी पोस्ट कर दिया है। इसी तरह मेहंदी गंज के एक भवन स्वामी के घर में टावर लगा दिखाकर नगर निगम ने एक लाख से ज्यादा का बिल भेज दिया। जबकि उसके घर में कभी टावर था ही नहीं। अब वह मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार कर रहे हैं। लेकिन निगम कोई सुनवायी नहीं कर रहा है। नगर निगम हाउस टैक्स के लिए लोगों को परेशान कर रहा है। जो लोग हाउस टैक्स जमा करना चाहते हैं उनसे टैक्स वसूलने की बजाए उलझाता रहता है। मेहंदी टोला के लक्ष्मी नारायण ने ऐसे ही राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की मांग नहीं की है बल्कि निगम की प्रताड़ना से तंग होकर यह कदम उठाया है। उन्होंने लिखा है कि उनका एक मकान शंकर पुरवा द्वितीय वार्ड के आदिल नगर नगर के गन्ने का पुरवा में है। उनका कहना है कि उनकी व उनके भाई के मकान की रजिस्ट्री ज्वाइंट हुई थी। लेकिन नगर निगम ने दोनों को अलग-अलग नंबर दे दिया। इसकी फाइल नहीं दिखाई जा रही है। मेरे हिस्से में 3 दुकानें बनी है। उसका 17000 बिल कर दिया जबकि दूसरे हिस्से में 5 दुकानें हैं।

इसका बिल पहले 3300 था जिसे अब 17000 कर दिया गया। मेरे घर के करीब ही एक बड़ा कांप्लेक्स बना हुआ है। जिसमें दर्जनों दुकानें हैं। उसका हाउस टैक्स लगभग 20000 ही है। उनका कहना है कि उनका टैक्स पहले 2,14,000 था और इसी की नोटिस जारी कर दुकान सील करायी गयी थी। लेकिन जब उन्होंने मुख्यमंत्री से शिकायत की तो उनका टैक्स बढ़ाकर 500000 कर दिया गया।  उधर मेहंदी गंज के बुद्धि लाल तिवारी मार्ग के महेश साहू को भी नगर निगम ने परेशान कर रखा है।

वह तो साइकिल से नमक बेचते हैं। उनके प्लॉट का एरिया तो 3000 वर्ग फुट है लेकिन लगभग 800 फुट में पुराना धन्नी पर मकान बना है। बाकी हिस्सा खंडहर व गिरा पड़ा है। नगर निगम ने उनके घर का हाउस टैक्स 1,04,000 रुपए भेज दिया। उनका कहना है कि उनके घर में मोबाइल का टावर लगा हुआ दिखाया गया है।

जिसकी वजह से उनका घर कमर्शियल हो गया है। बेचारे 2 साल से अपना बिल दुरुस्त कराने के लिए दौड़ रहे हैं। वह बताते हैं की टैक्स का काम देखने वाले नगर निगम के राजीव जैन से कई बार मिले। वह कहते हैं कि उनके घर में टावर लगा है। जबकि मेरे घर में न कभी लगा था और न लगा है। बेवजह उनको परेशान किया जा रहा है। उनका भी हाउस टैक्स सही नहीं किया जा रहा है।
 
यह भी हैं हाउस टैक्स के लिए परेशान

रवि खंड कॉलोनी रायबरेली रोड की आभा पांडेय के मकान का भी कर निर्धारण नहीं किया जा रहा है। जबकि उनका परिवार लगातार इसके लिए परेशान है। वह पूरा टैक्स जमा कराना चाहते हैं लेकिन उनका कर निर्धारण न होने से टैक्स नहीं जमा कर पा रहे हैं। 
चंद्रोदय नगर आलमनगर की रीना सिंह ने भी नगर निगम में कर निर्धारण के लिए अपनी फाइल जमा की। लेकिन एक वर्ष बीत गये लेकिन आज तक उनके मकान का कर निर्धारण नहीं हुआ। इसकी वजह से वह भी परेशान भटक रही हैं। बाबू और इंस्पेक्टर लगातार परेशान कर रहे हैं।  तमाम और लोग टैक्स निर्धारण व सुधार के लिए भटक रहे हैं। 
 
नगर निगम के मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि मामले की जानकारी हमें नहीं है। जोनल कार्यालयों से इस मामले में रिपोर्ट लेंगे। इसके बाद कार्रवाई की जाएगी। अगर किसी के बिल में गड़बड़ी होगी तो उसे ठीक कराया जाएगा।