बहुचर्चित उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता संबंधी वर्ष 2019 सड़क हादसा मामले में किसी भी तरह की साजिश से सीबीआई के इनकार को अदालत ने भी स्वीकारर किया है। तीस हजारी स्थित धर्मेश शर्मा की अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता पक्ष की आपत्ति एक ऐसी कहानी की तरह है जिसे पढ़ा जा सकता है लेकिन इसके तथ्य साजिश की तरफ इशारा नहीं कर रहे हैं। अदालत ने कहा कि यह महज अनुमान पर आधारित है कि पीड़िता व उसके वाहन के साथ हुई दुर्घटना साजिशन की गई। उन्होंने कहा कि सीबीआई द्वारा की गई जांच की निष्ठा, सटीकता और ईमानदारी पर संदेह करने का कोई आधार नहीं है। जांच एजेंसी ने घटना की सच्चाई सामने रखी है।
इस मामले में आरोप था कि वर्ष 2019 में दुष्कर्म पीड़िता, उसके परिवार के सदस्य और वकील एक कार में सवार थे, तभी रायबरेली में तेज गति से आ रहे एक ट्रक ने उन्हें टक्कर मार दी, जिसमें पीड़िता के दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी। पीड़िता व उसका वकील गंभीर रुप से जख्मी हो गए थे। इस दुर्घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर एवं नौ अन्य के खिलाफ हत्या का एक मामला दर्ज किया गया था। पीड़िता के परिवार ने दुर्घटना के पीछे साजिश का आरोप लगाते हुए एक शिकायत दर्ज कराई थी। ज्ञात रहे कि कुलदीप सेंगर को नाबालिग से दुष्कर्म के जुर्म में उम्रकैद की सजा भी सुनाई जा चुकी है।
वहीं, सड़क दुर्घटना के मामले में सीबीआई ने कहा था कि प्राथमिकी में नामजद लोगों के बीच आपराधिक साजिश रचने से संबंधित कोई सबूत नहीं मिला है। प्राथमिकी में कुलदीप सेंगर एवं ट्रक चालक या खलासी या ट्रक के मालिक को नामजद कराया गया था। जांच को बरकरार रखते हुए न्यायाधीश ने 31 जुलाई को दिए आदेश में कहा कि सीबीआई के उन निष्कर्षों को आरोपपत्र में बरकरार रखने में कोई संकोच नहीं है कि आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता तो उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और धारा 307 (हत्या की कोशिश), धारा 120बी (आपराधिक षडयंत्र) के तहत दोष नहीं लगाया जा सकता।
सेंगर के खिलाफ आपराधिक धमकी के आरोप तय
बहरहाल, सत्र अदालत ने इस मामले में लापरवाही के कारण हुई मौत और इंसान के जीवन को खतरे में डालने वाला कृत्य करने के लिए ट्रक चालक के खिलाफ आरोप तय किए। साथ ही सेंगर और उनके साथियों के खिलाफ आपराधिक धमकी के आरोप तय किए है। इसके अलावा सेंगर को 2017 में नाबालिग से दुष्कर्म के एक अलग मामले में 20 दिसंबर 2019 को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। चार मार्च 2020 को सेंगर, उसके भाई एवं पांच अन्य को बलात्कार पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के लिए भी दोषी ठहराया गया। इस अपराध के लिए इन्हें 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी