कभी लोग घोड़े पर ब्याह करने जाते थे। फिर कार का दौर आया। अब कभी-कभी हेलीकॉप्टर से दूल्हा पहुंचने की खबरें आती हैं। अब गंगा की बाढ़ ने दूल्हों को नाव की सवारी पर विवश कर दिया है। शनिवार को फर्रुखाबाद के गांव पंखियन की मड़ैया में दो निकाह हुए। एक में वर-वधू दोनों गांव के ही थे। दूसरी बारात बदायूं से आई। गंगा की बाढ़ पानी गांव की गलियों में भरा है, लिहाजा दोनों दूल्हों को नाव से ही दुल्हन के घर तक जाना पड़ा। बारातियों में से कुछ पानी में चल कर गए तो कुछ के लिए ट्रैक्टर लगाए गए।
बदायूं की गाड़ियां गांव के बाहर
पंखियन की मड़ैया के सामीन की बेटी रुबीना की शादी पैलानी मुंशी नगला, कादरगंज, बदायूं निवासी अनवार के पुत्र कयामुद्दीन के साथ तय थी। शनिवार दोपहर 20-25 कारों से बारात पहुंची। गांव पानी से घिरा है। गाड़ियां नहीं जा सकीं। दूल्हे के लिए नाव और बारात के लिए बैलगाड़ी और ट्रैक्टर का इंतजाम किया गया था। सोता नाले के पास दूल्हा नाव पर सवार हुआ। दुल्हन के घर के पास सूखी जमीन पर उसे उतारा गया।
ताकि मैरिज सूट की क्रीज न टूटे
इसी गांव के शराफत मियां ने अपने बेटे सादिम की शादी गांव के ही मुश्ताक की बेटी शमा के साथ तय की थी। शनिवार को निकाह होना था लेकिन दो दिन पहले गंगा की बाढ़ का पानी गांव में घुस आया। दूल्हा पानी में पैदल जाता तो शादी के कपड़े खराब होते। ट्रैक्टर में बैठता तो क्रीज टूटती। दूल्हे के घर वालों ने तय किया कि दूल्हा पैदल नहीं नाव से जाएगा। सादिम पांच-छह बारातियों के साथ नाव पर सवार हुआ। बाराती बैठे पर वह नाव में खड़ा रहा। ऐसे बारात गांव के दूसरे छोर पर मुश्ताक के घर पहुंची। प्रधान प्रतिनिधि शाहिद अली ने बताया कि पखियन की मड़ैया गांव में बाढ़ का पानी भरा है। गांव तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं बचा। इसलिए दोनों दूल्हों को नाव से ससुराल जाना पड़ा।