स्कूल में पढ़ाई कराते वक्त शिक्षकों को मोबाइल या लैपटॉप के जरिए क्लास का लाइव प्रसारण भी करना होगा। स्कूलों के भीतर थर्मल स्कैनिंग, हेड सेनेटाइशन के बाद ही प्रवेश की अनुमति मिलेगी। स्कूल आने के तीन दिन के भीतर भीतर छात्रों को स्कूल आने के लिए अपने अभिभावकों के सहमति पत्र भी जमा कराने होंगे। दो अगस्त से खुलने जा रहे स्कूलों के लिए सरकार ने शनिवार को एसओपी जारी कर दी। शिक्षा सचिव राधिका झा ने स्कूल अवधि में कोरोना प्रोटोकाल का सख्ती से पालन करने के आदेश दिए है। उन्होंने कहा कि स्कूल खुलने के बावजूद ऑनलाइन पढ़ाई को भी जारी रखा जाएगा। जो छात्र स्कूल नहीं आना चाहते हैं, उन्हें लाइव क्लास के जरिए पढाई कराई जाएगी। इसके लिए क्लास में पढ़ाई कराते वक्त शिक्षक मोबाइल अथवा किसी अन्य ऑनलाइन माध्यम के जरिए छात्रों को क्लास से जोडेंगे। स्कूल के शिक्षक, कर्मचारी, भोजनमाताओं के कोविड वैक्सीनेशन को प्राथमिकता से पूरा कराने के लिए भी कहा गया है।
बुखार, जुखाम होने पर तत्काल घर भेजा जाएगा:स्कूल परिसर में किसी छात्र, शिक्षक अथवा कर्मचारी में सर्दी जुखाम, बुखार के लक्षण नजर आने पर उसे प्राथमिक उपचार देते हुए तत्काल घर भेजा जाएगा। यदि किसी स्थान में कोविड संक्रमण पाया जाता है तो तत्काल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।
बोर्डिंग स्कूल: 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर रिपेार्ट अनिवार्य
बोर्डिग स्कूल के शिक्षक-कार्मिक और छात्रों के लिए कड़े मानक तय किए गए हैं। 48 घंटे पहले की निगेटिव आरटीपीसीआर रिपेार्ट लाने पर ही उन्हें स्कूल परिसर में आने की अनुमति होगी। अभिभावकों की सहमति लेने के लिए तीन दिन का वक्त तय किया गया है। स्कूल प्रबंधन छात्रों को स्कूल आने के लिए दबाव नहीं बना सकता। जो छात्र घर पर रहकर ही पढ़ाई जारी करना चाहते हैं, उन्हें क्लासरूम से ही ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जाएगा।डे और बोर्डिंग स्कूलों के लिए एसओपी जारी कर दी गई है। सरकार की पूरी कोशिश है कि स्कूल में कार्मिकों और छात्रों को कोविड संक्रमण से शतप्रतिशत सुरक्षा मुहैया हो। साथ ही घर से ही पढ़ाई जारी रखने के इच्छुक छात्रों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ृाई से जोड़ा जाए। इस अवधि में कोई भी स्कूल अतिरिक्त फीस नहीं लेगा।