लखनऊ के ‘थप्पड़’ गर्ल मामले में नया अपडेट है। लड़की से थप्पड़ खाने वाला कैब ड्राइवर सहादत अली सिद्दीकी अब पुलिसवालों के खिलाफ अदालत पहुंच गया है। कैब ड्राइवर ने बुधवार को कोर्ट में अर्जी लगाकर पुलिसवालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उसने अपनी अर्जी में कृष्णानगर थाने के तत्कालीन इंस्पेक्टर महेश कुमार, दारोगा मो. मन्नान, हरेंद्र सिंह और तीन-चार अज्ञात सिपाहियों को विपक्षी पक्षकार बनाया है। ड्राइवर ने पुलिसवालों पर अपने पद के कर्तव्यों से परे जाकर अत्याचार, गुंडागर्दी, छिनैती, कूटरचना और अवैध हिरासत में रखने जैसे आरोप लगाए हैं। उसने अदालत से इन सबके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश देने की मांग की है। उसकी अर्जी पर सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने फिलहाल थाने से रिपोर्ट तलब की है। मामले की अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी। ड्राइवर सहादत अली सिद्दकी के मुताबिक 30 जुलाई, 2021 की रात प्रियदर्शनी नारायण आलमबाग नहरिया के पास ग्रीन सिग्नल के बावजूद जबरिया लाइन क्रास कर रही थीं। उसने अपनी कार रोक ली थी। फिर जानें क्यों प्रियदर्शिनी ने ड्राइविंग सीट की खिड़की से कार के डैश बोर्ड पर रखा मोबाइल और पैसा उठा लिया। उसने मोबाइल तोड़ दिया और मुझे कार से खींचकर थप्पड़ मारने शुरू कर दिए। घटना के समय वहां ट्रैफिक पुलिस के एक कांस्टेबल और दारोगा भी मौजूद थे लेकिन दोनों ने लड़की को रोकने की कोई कोशिश नहीं की। कुछ समय बाद थाना कृष्णानगर की पुलिस आई। पुलिस उसे और लड़की को थाने ले गई। वहां उसने (कैब ड्राइवर) ने थाना प्रभारी महेश कुमार को पूरी घटना बताई लेकिन पुलिस उसकी बात ही नहीं सुन रही थी। पुलिस ने लड़की और उसके परिवार वालों के दबाव और व्यक्तिगत संबधों के चलते उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे उसे ही लाकअप में बंद कर दिया। फिर लड़की को छोड़ दिया।रात में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर उसके भाई इनायत अली और दाउद अली को घटना की जानकारी हुई तो वे थाने पहुंचे। उन्होंने प्रभारी निरीक्षक से कहा कि जब मेरे भाई को कोई गलती नहीं है, तो उसे क्यों बंद रखा गया है। इस पर पुलिसवालों ने गाली देते हुए लाठी से उनकी पिटाई शुरू कर दी। उन सभी को कस्टडी में ले लिया। पुलिस ने धमकी दी कि चुपचाप अपनी गलती कबूल कर लें वर्ना झूठे मुकदमे में चालान कर देंगे। एनकाउंटर करने की भी धमकी दी। इसके बाद दस हजार रुपए जबरन वसूल कर दूसरे दिन मेरी गाड़ी छोड़ दी। फिर बिना कोई अपराध बताए सभी का चालान कर दिया। पुलिस ने चालान रिपोर्ट में लिख दिया कि ये लोग अपना हस्ताक्षर करना नहीं चाहते हैं।