लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल के डॉक्टरों ने लड़की के पेट का ऑपरेशन का बालों की बड़ी गांठ निकाली है। लड़की दो साल से लगातार कमजोर होती जा रही थी। परिवारीजनों ने उसके सिर से बाल कम होते देखा लेकिन पूछने पर लड़की कुछ बता नहीं पाती थी। 10 दिन पहले उसे पेट में तेज दर्द हुआ। उल्टियां होने लगीं। तब घरवाले लड़की को लेकर बलरामपुर अस्पताल गए। वहां सर्जरी विभाग के डॉ. एसआर समदर ने उसे देखा। अल्ट्रासाउंड की जांच में लड़की के पेट में गांठ नजर आई। इसके बाद डॉक्टरों ने सिटी स्कैन कराने का फैसला किया। सिटी स्कैन में बड़ी गांठ दिखी। इंडोस्कोप में पता चला युवती के पेट में ट्रॉयकोबिजोर (बालों का गोला) है। यह गोला करीब दो किलो का है। 20 सेंटीमीटर चौंड़ी गांठ देख डॉक्टर हैरत में पड़ गए।ऑपरेशन के बाद युवती होश में आ गई है। पेट दर्द समेत दूसरी तकलीफ से उसे निजात मिल गई है। डॉक्टरों का कहना है जन्म के समय से ही मानसिक रोग की चपेट में हैं। युवती बीते दो साल से काफी कमजोर होती जा रही थी। सिर के बाल बेतरतीब तरह से कम हो रहे थे। पूछने पर वह कुछ भी नहीं बता रही थी। 10 रोज पहले उसे पेट में भीषण दर्द हुआ। उल्टियां होने लगीं। उसे बलरामपुर अस्पताल में दिखाया गया। यहां सर्जरी विभाग के डॉ. एसआर समदर ने मरीज को देखा।
डेढ़ घंटे चला ऑपरेशन
डॉ. समदर के मुताबिक गुरुवार को करीब डेढ़ घंटे ऑपरेशन चला। जिसमें बालों का गुच्छा निकाला। अमाशय में बालों का गुच्छा गांठ में तब्दील हो गया। धीरे-धीरे अमाशय से छोटी आंत का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया। नतीजतन खाना नीचे नहीं जा पा रहा था। यही वजह है कि लड़की कमजोर हो रही थी। उसका वजन करीब 32 किलो था।
मुफ्त हुआ इलाज
लड़की का जांच से लेकर ऑपरेशन तक मुफ्त हुआ। डॉ. समदर के मुताबिक प्राइवेट अस्पताल में इस तरह के ऑपरेशन पर कम से कम एक से डेढ़ लाख रुपये का खर्च आता।
ऑपरेशन टीम के सदस्य
डॉ. एसआर समदर, डॉ. एसके सक्सेना, डॉ. विवेक यादव, एनस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. पियूश कुमार व डॉ. नूरुल हक सिद्दीकी शामिल हुए। इनके साथ स्टाफ नर्स उर्मिला, प्रतिभा और शिवश्री शामिल रहीं।