कोरोना टीकाकरण का फर्जी ई-सर्टिफिकेट जारी करने वाले जनसेवा केंद्र संचालक को रामगढ़ थाना पुलिस ने हिरासत में लिया है। आरोपी के खिलाफ प्राथमिक स्वास्थ्य सैलई के प्रभारी डॉ. नागेंद्र माहेश्वरी की तहरीर पर रामगढ़ थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है, ताकि पूरे मामले का खुलासा हो सके।
बिना टीकाकरण कराए एसएमएस पर टीकाकरण का संदेश के साथ ई-प्रमाणपत्र भी अपलोड किए जाने का खेल रामगढ़ थाना क्षेत्र के अंतर्गत दीदामई निवासी मुवीन पुत्र कमरुउद्दीन द्वारा किया जा रहा था। जिसका मंगलवार शाम को रामगढ़ थाना पुलिस ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सूचना पर खुलासा किया। इस पूरे प्रकरण की जानकारी थानाध्यक्ष रामगढ़ हरर्वेंद्र मिश्रा को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी द्वारा दी गई थी। सूचना पर रामगढ़ थाना पुलिस ने दबिश देकर जनसेवा केंद्र संचालक मुवीन को हिरासत में ले लिया है। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू कर दी है।
थानाध्यक्ष रामगढ़ हरवेंद्र मिश्रा ने बताया कि हिरासत में लिए गए आरोपी ने बताया कि उसे एएनएम का पासवर्ड सैलई स्वास्थ्य केंद्र पर काम करने वाले स्वास्थ्यकर्मी के माध्यम से मिला था। पासवर्ड मिलने के साथ ही उसने फर्जी एसएमएस तथा ई-प्रमाण पत्र अपलोड करने का काम शुरू कर दिया था। मंगलवार रात मामला संज्ञान में आने पर आरोपी को हिरासत में लिया गया है।पूरे मामले का खुलासा जल्द किया जाएगा।
एएनएम और चिकित्सा प्रभारी से पांच घंटे तक पूछताछ, बयान दर्ज
बिना टीकाकरण के फर्जी ई-सर्टिफिकेट बनाने वाले आरोपी के मामले में एएनएम और चिकित्सा प्रभारी को भी अपने बयान दर्ज करने के लिए रामगढ़ थाने में बुलाया गया था। पुलिस विभाग की साइबर सेल की टीम ने पांच घंटे तक पूछताछ करने के साथ बयान दर्ज किया गया। टीकाकरण संबंधित डाटा मांगा। शहरी क्षेत्र में एक दिन में 217 डोज का अंतर मिला है। टीम को आशंका है कि इस तरह का फर्जीवाड़ा जिले में और भी स्थानों पर चल रहा है।
आरोपी युवक ने कबूला एक स्वास्थ्यकर्मी का नाम
स्वास्थ्य विभाग के मलेरिया विभाग में संविदा पर कर्मचारी तैनात किए गए हैं। जिनको एएनएम के टीकाकरण में सहयोग के लिए लगाया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी युवक से पूछताछ की तो उसमें एक स्वास्थ्यकर्मी का नाम बताया है। चिकित्सा प्रभारी के अनुसार इस कर्मचारी ने मंगलवार को ड्यूटी की थी। फर्जीवाड़ा पकड़ में आने के बाद बुधवार को अवकाश पर रहा।