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नया अंदाज: …जब युवाओं के लिए बड़ा तोहफा लेकर आए योगी, खूब किया दंगे-पलायन मुद्दे पर वार, मंच से दिया ये बड़ा संदेश

विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मां शाकंभरी विश्वविद्यालय के शिलान्यास के बहाने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी ने उच्च शिक्षा, रोजगार और भविष्य की संभावनाओं का जिक्र कर वेस्ट यूपी के युवाओं को साधने की कोशिश की। शिक्षा और सुरक्षा के नाम पर महिलाओं को भी लुभाने का प्रयास किया। वहीं, व्यापारी, किसान, मजदूर सहित अन्य लोगों को पिछली सरकारों में दंगे, पलायन, माफिया और गुंडागर्दी का डर दिखाया गया। यह जताने की कोशिश की गई कि फिर से भाजपा को सत्ता सौंपकर ही आम जनमानस को सुरक्षित माहौल मिल सकता है।

नवंबर माह में ही सीएम योगी ने मेरठ में खेल विश्वविद्यालय में हुए समारोह में पैरालंपिक विजेताओं को सम्मानित किया था। इस समारोह में योगी ने खेल और खिलाड़ी पर अधिक फोकस रखा, मगर यहां उनका अंदाज बिल्कुल अलग रहा। उन्होंने शिक्षा से ज्यादा कैराना, कांधला के पलायन, सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर और बरेली में दंगे और माफिया का कई बार जिक्र किया। अमित शाह और योगी दोनों ने भाजपा सरकार में अपराधियों पर शिकंजे के दावे पेश किए।
वेस्ट यूपी को साधने के लिए गन्ना भुगतान का सहारा
कृषि कानून और किसान आंदोलन का जिक्र तो दोनों नेताओं ने नहीं किया, लेकिन वेस्ट यूपी में किसान, जाट, गुर्जर और मुस्लिम के बड़े वर्ग तक संदेश पहुंचाने के लिए गन्ना भुगतान और चीनी मिलों के संचालन के दावे किए गए। दरअसल, वेस्ट यूपी के अधिकतर किसान गन्ना उत्पादक हैं और वे चुनाव में किसी भी दल की जीत या हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। वहीं, हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के पुराने फॉर्मूले के अनुरूप अयोध्या, श्रीराम, काशी तक के बारे में संबोधन हुआ।

युवा और महिलाएं अधिक, किसान दिखे कम
समारोह में युवाओं और महिलाओं की संख्या अधिक रही, जबकि किसान उम्मीद से कम रहे। इनमें भी आंगनबाड़ी, शिक्षक, कर्मचारी और अन्य युवाओं की संख्या अधिक रही।

पहले योगी की तारीफ और फिर मांगा आशीर्वाद
अमित शाह ने यूपी के लिए योगी को ही सबसे बेहतर बताया और कई बार उनकी तारीफ भी की। बाद में सिर झुकाकर कहा कि इस बार भी अपना आशीर्वाद दें और 300 से अधिक सीट दिलवाएं।

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