प्रदेश के बहुचर्चित एनआरएचएम घोटाले के आरोपी पूर्व विधायक राम प्रसाद जायसवाल का इलाज के दौरान निधन हो गया। देवरिया जनपद के बरहज से बसपा के पूर्व विधायक तथा उत्तर प्रदेश में बसपा शासनकाल में हुए हजारों करोड़ के एनआरएचएम घोटाले में आरोपी रामप्रसाद जायसवाल का गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया है।
एनआरएचएम घोटाले में वह पूर्व मंत्री बाबू सिंह कुशवाहा के साथ आरोपी थे। इस समय वह जमानत पर थे। तबीयत खराब होने पर दस दिन पूर्व उन्हें गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। उन्हें हृदय संबंधी परेशानी थी, जिसका आपरेशन होना था। शनिवार की देर रात में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके कारण उन्हें बचाया नहीं जा सका।
उल्लेखनीय है कि एक समय बसपा के कद्दावर नेताओं में शुमार रामप्रसाद जायसवाल 2007 में बरहज से विधायक चुने गए। विधायक बनने के बाद से ही वह बाबू सिंह कुशवाहा के जरिये बसपा सुप्रीमों मायावती के करीब पहुंच गए और उनके विश्वासपात्र बन गए। 2009 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने देवरिया सदर सीट से अपने पिता गोरख प्रसाद जायसवाल को न केवल टिकट दिलाया बल्कि समाजवादी नेता मोहन सिंह एवम् भाजपा के पूर्व सांसद लेफ्टिनेंट जनरल श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी के मुकाबले चुनाव जितवा कर अपने राजनैतिक क्षमता का लोहा मनवाया। 2012 के विधानसभा चुनाव से पूर्व वह एनआरएचएम् घोटाला के लपेटे में आ गए।
यही से उनके सियासी अवसान की शुरुआत हो गई। घोटाला में फंसने के बाद 2012 के चुनाव में रामप्रसाद ने अपनी पत्नी रेनू जायसवाल को बरहज सीट से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ाया, लेकिन वह हार गईं। वर्तमान चुनाव में उनकर पुत्र मुरली मनोहर जायसवाल बसपा के प्रत्याशी हैं। एनआरएचएम् घोटाला में हिरासत के दौरान उनकी तबीयत खराब हो गई। उसके बाद न्यायालय ने जमानत दे दी। 15 दिन पूर्व हालत खराब होने पर गुड़गांव के मेंदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने दिल के सर्जरी की सलाह दी। आपरेशन के पूर्व शनिवार की रात में लगभग एक बजे उनका निधन हो गया।