नई दिल्ली:
Virat Kohli: विराट कोहली (Virat Kohli) हर मैच में बल्लेबाजी का कोई न कोई रिकॉर्ड अपने नाम करते हैं. कप्तानी में भी वे बेहद कामयाब हो रहे हैं और उनकी कप्तानी में टीम इंडिया जीत पर जीत हासिल कर रही है. मौजूदा दौर में तो ऐसा लगता है कि उन्हें हराना नामुमकिन है लेकिन हर किसी खिलाड़ी की तरह विराट कोहली भी असफल हुए हैं और इसका उदाहरण इसी साल इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्डकप के सेमीफाइनल मैच से मिलता है. सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को मात देकर उसके वर्ल्डकप 2019 (World Cup 2019) जीतने के सपने को तोड़ दिया था. Virat Kohli ने कहा है कि वह भी आम इंसान की तरह असफलताओं से आहत होते हैं.
क्या मैं असफलताओं से प्रभावित होता हूं? हां, होता हूं. हर कोई होता है. अंत में मैं एक बात जानता हूं कि मेरी टीम को मेरी जरूरत है. सेमीफाइनल में मुझे महसूस हो रहा था कि मैं नाबाद लौटूंगा और अपनी टीम को इस मुश्किल दौर से निकाल कर लाऊंगा.” कोहली ने कहा, “लेकिन हो सकता है कि वो मेरा अहम हो क्योंकि आप कैसे भविष्यवाणी कर सकते हो? आपके अंदर सिर्फ मजबूत अहसास हो सकते हैं या फिर इस तरह का कुछ करने की प्रबल इच्छाशक्ति.” कोहली (Virat Kohli) अपने पीछे एक विरासत छोड़ना चाहते हैं जिसका अनुसरण आने वाले लोग करें. वह इस रास्ते पर चल भी रहे हैं क्योंकि उनकी टीम खेल के लंबे प्रारूप में सबसे सफल टीम बन गई है और अपनी धरती के अलावा विदेशों में भी जीत हासिल कर रही है.
दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने कहा, “मुझे हारना पसंद नहीं है. मैं यह नहीं कहना चाहता था कि मैं ऐसा कर सकता था. जब मैं मैदान पर कदम रखता हूं तो यह मेरे लिए सौभाग्य की बात होती है. जब मैं बाहर आता हूं तो मेरे अंदर ऊर्जा नहीं होती. हम उस तरह की विरासत छोड़ना चाहते हैं कि आने वाले क्रिकेटर कहें कि हमें इस तरह से खेलना है.” कोलकाता में बांग्लादेश को डे-नाइट टेस्ट में मात देन के बाद तो कोहली की टीम की तुलना विंडीज की 1970-1980 की टीम से की जाने लगी है, लेकिन कप्तान कहते हैं कि इस तरह की तुलना में अभी समय है. कप्तान ने कहा, “मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि हम अपने खेल के शीर्ष पर हैं. आप सात मैचों से टीम के प्रभुत्व को बयां नहीं कर सकते. आप वेस्टइंडीज की उस टीम की बात कर रहे हैं जिसने 15 साल तक राज किया है.”
विराट (Virat Kohli)ने कहा, “इसलिए, जब हम सब संन्यास लेने के करीब होंगे तो हमसे यह सवाल किया जा सकता है कि एक दशक तक साथ खेलना कैसा रहा. सात मैचों के बाद नहीं. सात साल हो सकते हैं लेकिन सात मैच नहीं.” कोहली ने कहा कि टीम की मानसिकता में बदलाव हुआ है और टीम को अब विश्वास है कि वह विदेशों में भी जीत हासिल कर सकती है. उन्होंने कहा, “तुलना करने में अभी भी समय है, लेकिन हम जिस तरह से खेल रहे हैं और जो चुनौतियां हमारे सामने हैं उन्हें लेकर हम काफी उत्साहित हैं. अब हमें न्यूजीलैंड में सीरीज खेलनी हैं.”