कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। इसमें कई बड़े फैसले लिए गए हैं। राज्य सरकार ने सार्वजनिक आयोजनों पर कुछ दिनों के लिए रोक लगाने का फैसला लिया गया है। हालांकि शादी और श्राद्ध पर रोक नहीं है लेकिन इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या सीमित होगी। सरकारी कार्यालय में आम लोगों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। बसों में आधे यात्री ही सफर करेंगे।
सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक
मुख्यमंत्री ने शनिवार की शाम को एक अणे मार्ग में समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस मौके पर उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिया है कि बढ़ते मामले को ध्यान में रखते हुए पूरे राज्य में अधिक-से-अधिक जांच कराएं। आरटीपीसीआर जांच को और बढ़ाएं। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा। कोरोना से लोगों को नुकसान नहीं पहुंचे, इसके लिए अलर्ट और एक्टिव रहें। साथ ही लोगों को कोरोना से सचेत रहने की जरूरत है। लोग सचेत रहेंगे तो कम से कम नुकसान होगा।
12 अप्रैल तक स्कूल-कॉलेज बंद
सरकार ने राज्य के सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग को 12 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह आपदा प्रबंधन समूह (सीएमजी) की शनिवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है। इसके पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया था कि बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने के बारे में आपदा प्रबंधन समूह विचार करे।
बैठक के बाद शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को पांच से 12 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए 12 के बाद का निर्णय आगे लिया जाएगा। मालूम हो कि इसके पहले 13 मार्च 2020 को राज्य भर के शैक्षणिक संस्थानों को बंद किया गया था।