हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक अखबार कहे जाने वाले ‘ऐप्पल डेली’ के बंद होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीन को जमकर लताड़ा है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि ‘पत्रकारिता अपराध नहीं है। हॉन्गकॉन्ग में लोगों को प्रेस की आजादी है। बीजिंग, हॉन्गकॉन्ग को बुनियादी स्वतंत्रता की आजादी नहीं दे रहा है। जो बाइडेन ने चीन को लेकर कहा कि बीजिंग, हॉन्गकॉन्ग की स्वायत्तता और प्रजातांत्रिक संस्थानों पर हमले कर रहा है। जो बाइडेन ने कहा कि हम हॉन्गकॉन्ग में लोगों की मदद जारी रखने से पीछे नहीं हटेंगे।
‘ऐप्पल डेली’ के बंद होने से नाराज दिख रहे अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ‘हॉन्गकॉन्ग और पूरी दुनिया में यह मीडिया की आजादी के लिए बेहद बुरा दिन है। बीजिंग के दमनकारी रवैये, गिरफ्तारियों, धमकियों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों की वजह से ‘ऐप्पल डेली’ की स्वतंत्रता प्रभावित हुई। ‘ऐप्पल डेली’ हॉन्गकॉन्ग में स्वतंत्र पत्रकारिता का गढ़ रहा अब उसके पब्लिकेशन पर रोक लगा दी गई।’
बताया जा रहा है कि हॉन्गकॉन्ग में लागू हुए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून की बड़ी कीमत वहां के इस मशहूर अखबार को चुकानी पड़ी है। पुलिस की बढ़ती कार्रवाई, चीफ एडिटर और पांच एग्जीक्यूटिव के हिरासत में लिए जाने और वित्तीय संपत्ति जब्त होने की वजह से अखबार को बंद होने का फैसला करना पड़ा।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ‘ऐप्पल डेली’ लंबे समय से चाइनीज और हॉन्गकॉन्ग अथॉरिटीज का दबाव झेल रहा था। अखबार हॉन्गकॉन्ग में लोकतंत्र के समर्थन में पुरजोर आवाज उठाता रहा है। कम्युनिस्ट चीन के सत्तावादी रवैये के बावजूद Apple Daily लोकतांत्रिक अधिकारों और आजादी का समर्थन करता रहा है।
17 जून 2021 को करीब 500 पुलिसकर्मी ने Apple Daily के न्यूजरूम में छापेमारी की थी। उस वक्त आरोप लगाया गया था कि NSL का उल्लंघन किया गया है। चीफ एडिटर और पांच एग्जीक्यूटिव को हिरासत में लिया गया था। इस छापेमारी के बाद अखबार में कई इस्तीफे हुए थे। स्थिति खराब होती देख Apple Daily के मैनेजमेंट ने कहा था कि ‘स्टाफ सदस्यों की सुरक्षा’ को ध्यान में रखते हुए ‘अखबार बंद किया जा रहा है।’