प्रदेश में स्टार्टअप को लेकर नोएडा, ग्रेटर नोएडा, लखनऊ, मेरठ आदि शहरों में विशेष योजना शुरू होगी। इससे प्रदेश को हर साल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा हिस्सा भी मिलेगा। इसके साथ ही प्रदेश के विभिन्न शहरों से निकलने वाले इंजीनियर और प्रबंधन की डिग्री लेने वाले छात्रों को नौकरी भी मिलेगी। स्टार्टटप को लेकर जेवर विधायक गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से मिले। इस भेंट में मुख्यमंत्री ने विस्तृत योजना बनाने के लिए कहा है।
लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने मुलाकात की थी। उनके साथ स्टार्टअप पर सुझाव देने के लिए युवा उद्यमियों की एक टीम भी थी। विधायक ने सीएम को बताया कि देश में जुलाई तक 70,000 करोड़ रुपये स्टार्टअप में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है। विश्वव्यापी महामारी के बावजूद स्टार्टअप में पूंजी निवेश बरकरार है। देश में बंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम स्टार्टअप के बड़े हब हैं। कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का 80 फीसदी से ज्यादा हिस्सा इन्हीं पांच शहरों में जाता है। प्रदेश में आईआईटी कानपुर और आईआईएम लखनऊ जैसे शिक्षण संस्थान हैं। टॉप मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज भी हैं।
केवल नोएडा और ग्रेटर नोएडा से 60 हजार इंजीनियर पढ़ कर निकलते हैं। ये सारे इंजीनियर बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, मुंबई और गुरुग्राम में नौकरियां कर रहे हैं। अगर उत्तर प्रदेश सरकार स्टार्टअप को लेकर विशेष व्यवस्था कर दे तो इन इंजीनियरों को नौकरियां दी जा सकती हैं। साथ ही, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा हिस्सा मिल सकता है। इस पर मुख्यमंत्री ने विस्तृत योजना तैयार करके देने के लिए कहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दिशा में राज्य सरकार नवोन्मेषकों और युवा उद्यमियों को भरपूर समर्थन करेगी। विधायक ने बताया कि यह प्रतिनिधिमंडल विस्तृत योजना तैयार करके बहुत जल्द फिर मुख्यमंत्री से मुलाकात करेगा।