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सिनेमा हॉल्स पर पड़ी कोरोना की मार, जहां पहुंचे थे राजेश खन्ना वो आज हुआ बंद, जानें किस हालत में है कौन सा सिनेमाघर

कोरोना की मार आरा शहर समेत भोजपुर के सिनेमा घरों पर भी पड़ी है। पहली लहर तो मालिकों ने जैसे-तैसे सह ली लेकिन दूसरी लहर ने पूरी तरह से बेजार कर दिया। शहर का सबसे पुराना मोहन सिनेमा हॉल इतिहास बन गया। इन दिनों इसके भवन को तोड़ा जा रहा है। अब यहां मॉल बनेगा। 

करीब सात साल पहले आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया मोती महल सिनेमा हॉल भी स्थायी तौर पर बंद कर दिया गया है। अब इसे मॉल के लिए किराया पर देने की तैयारी है। शहर का रूपम सिनेमा हॉल तो काफी पहले ही बंद हो गया है। अब यहां मॉल खड़ा हो गया है। 

फिलहाल शहर का इकलौता सपना सिनेमा घर बच गया है। यह भी कोरोना की दूसरी लहर में बीते 19 अप्रैल से बंद है। संचालक राहुल विश्वकर्मा बताते हैं कि अब यह बिजनेस घाटे का सौदा बन गया है। हालांकि उन्होंने अभी आस नहीं छोड़ी है। सिनेमा हॉल खोलने के लिए सरकार के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। 

इस तरह सपना सिनेमा शहर का इकलौता रह गया है। संचालक की उम्मीद की वजह भी शायद यही है या फिर वे अभी इससे बेहतर विकल्प तलाश नहीं सके हैं। वहीं पीरो के पुराना बाईपास रोड स्थित अंबा केशरी चित्र मंदिर सिनेमा हॉल भी कोरोना की पहली लहर के लॉकडाउन में हमेशा के लिए बंद हो गया। 

संचालक राजेश केशरी ने बताया कि उन्होंने सिनेमा हॉल का अपना लाइसेंस भी सरेंडर कर दिया है। वहीं पीरो के जगदीशपुर-बिहिया पथ पर स्थित अशोक चित्र मंदिर सिनेमा घर के संचालक मोना कक्कड़ ने अभी उम्मीद नहीं छोड़ी है। वे सिनेमा हॉल खुलने के सरकारी निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

कभी राजेश खन्ना आये थे मोती महल में, अब हुआ बंद

आरा के करमन टोला स्थित मोती महल सिनेमा का अपना सुनहरा इतिहास रहा है। रोटी फिल्म के प्रमोशन के लिए सुपरस्टार राजेश खन्ना भी यहां आये थे। संचालक कन्हैया साह बताते हैं कि कोरोना की ऐसी मार पड़ी कि यह बिजनेस मुत्यु-शैय्या पर पहुंच गया है। लिहाजा सिनेमा घर को पूरी तरह बंद कर दिया गया है। यह सिनेमा घर 1975 से ही संचालित हो रहा था। 

करीब सात साल पहले इसे नये ढंग से सुसज्जित किया गया। यूएफओ सिस्टम, सेटेलाइट, जेबीएल साउंड बॉक्स, महंगी स्क्रीन, लक्जरियस सीटों जैसी आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया। तब आरा शहरवासियों ने बेहिचक परिवार के साथ इस सिनेमाघर की ओर दोबारा रूख किया, लेकिन कोरोना की दो लहरों ने सब कुछ तबाह कर दिया। कुल 33 कर्मचारियों में से धीरे-धीरे संख्या घटी और अब तो सभी दूसरे रोजगार में जुट गये हैं या तलाश कर रहे हैं। 

मैनेजर वीरेंद्र पांडेय बताते हैं कि मोती महल सिनेमा हॉल में सबसे आखिरी फिल्म चक्र का रखवाला 18 अप्रैल, 2021 को चली। फिर कोरोना की दूसरी लहर में सिनेमा हॉल बंद कर दिये गये। अब यह सिनेमा घर भी रूपम और मोहन सिनेमा घरों की तरह इतिहास बनने जा रहा है।

रूपम सिनेमा घर की जगह आज खड़ा है एनएस मॉल

आरा के जेल रोड स्थित रूपम सिनेमा घर के मालिक एसपी देशमुख को 2006 में दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से पुरस्कृत होने का गौरव हासिल है। उसी समय आरा का यह सिनेमा घर सबसे पहले इतिहास बना। यहां आज एनएस मॉल खड़ा है। फिल्मों के शौकीन शहरवासी बताते हैं कि शुरुआती दिनों में रूपम सिनेमा घर का कोई जवाब नहीं था। साउंड से लेकर पिक्चर क्वालिटी बेजोड़ थी। 

परिवार के साथ लोग इस सिनेमा घर की ओर रुख करते थे। विद्यार्थियों में इसका खासा क्रेज था। इसकी वजह थी विद्यार्थियों के लिए टिकट दर में विशेष छूट। नई फिल्में रिलीज के साथ लगती थीं, जिसका पहला शो देखने के लिए भी दर्शकों में होड़ सी रहती थी। बताते हैं कि रूपम सिनेमा घर की लीज अवधि खत्म होने और लाभ अपेक्षाकृत कम होने के चलते इसे बंद करना पड़ा।

जगदीशपुर व बिहिया में पहले ही बंद हो गये हैं सिनेमा घर

कमाई के लिए लिहाज से सिंगल स्क्रीन की हालत पहले ही खस्ता हो गई थी। आरा शहर के रूपम सिनेमा हॉल के अलावा भोजपुर जिले के जगदीशपुर के डीएम रोड में स्थित सिनेमा हॉल, बिहिया के ठाकुरबाड़ी रोड स्थित पिक्चर पैलेस, राजा बाजार के कटेया रोड स्थित उर्मिला सिनेमा हॉल बंद हो चुके हैं। लिहाजा उन इलाकों के दर्शक भी कुछ समय पहले तक आरा शहर के सिनेमाघरों की ओर रुख करते थे।