अमेजन-फ्यूचर-रिलायंस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। मामले में रिलायंस और फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) को झटका लगा है। रिलायंस व फ्यूचर रिटेल के 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के मामले में अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन की बड़ी जीत हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर का फैसला भारत में लागू करने योग्य है। यह भारतीय कानूनों के तहत वैध है। इमरजेंसी आर्बिट्रेटर ने इस सौदे पर रोक लगाई थी। रिलायंस रिटेल के साथ फ्यूचर के सौदे पर रोक लग गई है।
रिलायंस-फ्यूचर डील के खिलाफ अमेजन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला सुनाया है। पीठ ने कहा कि, आपात निर्णायक का आदेश धारा 17 (1) के तहत आने वाला आदेश है और इसे मध्यस्थता एवं सुलह अधिनियम की धारा 17 (2) के तहत लागू करने योग्य है।
शीर्ष अदालत ने इस बात का फैसला लेना था कि सिंगापुर के आपातकालीन पंचाट का फ्यूचर को रिलायंस के साथ विलय सौदे से रोकने का फैसला भारतीय कानून के हिसाब से वैध है या नहीं। अमेजन ने रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच हुई डील का अलग-अलग अदालतों में विरोध किया था। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और रिलायंस रिटेल के मामले में 29 जुलाई को अपना फैसला सुरक्षित रखा था।
धड़ाम हुए रिलायंस के शेयर
इस खबर के बाद आज रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में भारी गिरावट आई। सुबह 11.35 बजे यह 43.95 अंकों (2.06 फीसदी) की गिरावट के साथ 2089.35 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। शुरुआती कारोबार में यह 2125.20 के स्तर पर खुला था। जबकि पिछले सत्र में यह 2133.30 पर बंद हुआ। मौजूदा समय में कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1324531.55 करोड़ रुपये है।
क्या है पूरा मामला?
साल 2019 में अमेजन ने फ्यूचर समूह की गिफ्ट वाउचर इकाई में 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 1920 लाख डॉलर का भुगतान किया था। मामले में अमेजन का कहना है कि इस सौदे की शर्तें फ्यूचर समूह को फ्यूचर रिटेल लिमिटेड के कारोबार को रिलायंस को बेचने से रोकती हैं। उच्चतम न्यायालय ने 22 फरवरी को अपने अंतरिम आदेश में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) से विलय पर अंतिम आदेश पारित नहीं करने को कहा था। फ्यूचर समूह ने रिलायंस के साथ 24,713 करोड़ रुपये के सौदे के लिए नियामकीय मंजूरियों के लिए न्यायाधिकरण का रुख किया था। वहीं अमेजन ने दिल्ली उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी।
भारत के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर ने लगाया था अमेजन पर आरोप
मालूम हो कि हाल ही में भारत के एंटीट्रस्ट रेगुलेटर ने अमेरिकी कंपनी पर आरोप लगाया था कि जब कंपनी ने फ्यूचर ग्रुप में 2019 के निवेश के लिए मंजूरी मांगी थी, तो उसने तथ्यों को छिपाया। साथ ही गलत जानकारी देने का आरोप भी लगाया है।