मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सीएम चेहरा बनाने के साथ ही भाजपा उनके बड़े और कड़े फैसलों को लेकर जनता के बीच जाएगी। माफिया के घरों और उनके साम्राज्य पर सरकार द्वारा चलाए गए बुल्डोजर अभियान को प्रचारित किया जाएगा। धर्मगुरुओं और अध्यात्मिक गुरुओं से पार्टी लगातार संपर्क में रहेगी और उनके फालोअर्स को साधेगी। बेहतर परिणाम के लिए विधानसभा प्रभारियों के क्षेत्र बदले जाएंगे।
ये बातें इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा पार्टी के विधानसभा प्रभारियों के साथ संवाद कार्यक्रम से निकली हैं। नड्डा ने विधानसभा प्रभारियों को विधानसभा क्षेत्र में चुनाव की तैयारियों से संबंधित कई निर्देश दिए।
अगले तीन-चार दिन में बदल दिए जाएंगे विस क्षेत्रों के प्रभार
मिशन 2022 में बड़ी लकीर खींचने के क्रम में इस बैठक में कई बड़े बदलाव की बातें कही गईं। पार्टी विधानसभा प्रभारियों को गृह जनपद से बाहर के विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी बनाएगी। 10 अगस्त तक प्रभारियों के क्षेत्र नए सिरे से तय कर दिए जाने की बातें हुईं। प्रभारियों को निर्देश दिए गए कि क्षेत्र में कार्यकर्ताओं से बेहतर तालमेल रखें। उनकी कोई समस्या हो तो उसका समाधान करने में मदद करें।
बूथ स्तर पर वोटरों के समीकरण पर काम करेगी भाजपा
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने प्रभारियों को एक बड़ा टास्क दिया, जिसके तहत हर बूथ पर मतदाताओं के समीकरण को उन्हें समझना है और उसी के अनुकूल बूथ रणनीति बनानी होगी। प्रत्येक पन्ना प्रमुख पर 60 मतदाताओं को जोड़ने की जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए।
विधायक का रिपोर्ट कार्ड बनेगा, कटेंगे टिकट
हर विधानसभा क्षेत्र में अब चुनावी तैयारियों की निगरानी की जिम्मेदारी भाजपा के पूर्व सांसद व विधायक के साथ पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारी, पूर्व मंत्री को दी जाएगी। इनके जिम्मे विधानसभा चुनाव में जीत की रणनीति बनाने का काम भी होगा। पार्टी के हर विधायक का रिपोर्ट कार्ड भी प्रभारियों से लिया जाएगा। जिसकी रिपोर्ट अच्छी नहीं आएगी उसे पार्टी टिकट से वंचित करने का काम करेगी। हारी हुई सीटों को जीतने के लिए खास रणनीति बनाने के निर्देश दिए गए। इन विधानसभा क्षेत्रों में पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व मंत्री जनता की नब्ज टटोलेंगे। समीकरणों को समझते हुए यहां से प्रत्याशी घोषित किए जाएंगे। इस संवाद में विधानसभा प्रभारियों ने नड्डा को बताया कि माहौल पार्टी के पक्ष में है, उपलब्धियों को मतदाताओं तक सधी रणनीति से पहुंचाने की जरूरत है। पुलिस, प्रशासन द्वारा मनमानी किए जाने का मुद्दा भी उठा।
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