Wednesday , February 1 2023

अखिलेश यादव ‘साइकिल’ के लिए लड़ाई लड रहे है, प्रतीक यादव 5 करोड़ की कार की सवारी में मस्त

[yop_poll id=”-3″]

IMG_20161114_184553अशोक कुमार गुप्ता |अखिलेश साइकिल अपने पिता से मांग रहे है इसी को लेकर यादव कुनबे में घमशान  छिड़ा है इस झगड़े से इतर अखिलेश के भाई प्रतीक अपनी लक्जरी गाडी का लुफ्त उठा रहे है |मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव में से साइकिल चुनाव चिह्न किसे मिलेगा इस पर चुनाव आयोग के पास फैसला सुरक्षित हैं। वहीं मुलायम के दूसरे बेटे प्रतीक यादव इन सबसे दूर लग्‍जरी गाडि़यों का लुत्‍फ उठा रहे हैं। पिछले दिनों उनकी एक तस्‍वीर सामने आई थी जिसमें वे अखिलेश के बंगले के सामने से नीले रंग की लेम्‍बॉर्गिनी हराकन कार में निकलते हैं। इस कार की कीमत 2 से पांच करोड़ रुपये की कीमत है। प्रतीक मुलायम की दूसरी पत्‍नी साधना गुप्‍ता के बेटे हैं। उन्‍होंने अपने इंस्‍टाग्राम पेज पर भी कारों की तस्‍वीरें पोस्‍ट कर रखी हैं। एक सप्‍ताह पहले की पोस्‍ट में प्रतीक ने लिखा है, ”ब्राउनी और ब्‍ल्‍यू बोल्‍ट।”

prateek-yadav-car-620x400प्रतीक राजनीति से इतर रियल स्टेट का बिजनेस करते है 

प्रतीक यादव राजनीति से दूर हैं और वे रियल इस्‍टेट और जिम का बिजनेस करते हैं। अपने फेसबुक‍ पेज पर प्रतीक ने एक्‍सरसाइज, कुत्‍तों और कार रेसिंग के वीडियो शेयर कर रखे हैं। हालांकि उनकी पत्‍नी अपर्णा राजनीतिक क्षेत्र में हैं। उन्‍हें लखनऊ कैंट से विधानसभा चुनाव के लिए टिकट दिया गया है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि प्रतीक को मुलायम की राजनीतिक विरासत में हिस्‍सा देने की मांग भी सपा में कलह की एक वजह है। अटकलें हैं कि साधना गुप्‍ता भी मुलायम पर इसके लिए जोर डाल रही हैं।शिवपाल यादव और अमर सिंह अपर्णा और प्रतीक के पक्ष में हैं। वहीं अखिलेश इसके खिलाफ हैं। हालांकि प्रतीक और अपर्णा ने इस बारे में चुप्‍पी साध रखी है।

prateek yadav, mulayam singh yadav, akhilesh yadav, prateek yadav car, SP feud, samajwadi party feud, mulayam younger son, aparna yadav, prateek akhilesh yadav
मुख्यमंत्री आवास के बाहर खड़ी प्रतीक की पांच करोड़ की गाडी

अपर्णा कई बार राजनीतिक मंच पर नजर भी आ चुकी हैं। लोकसभा चुनावों के बाद उन्‍होंने नरेंद्र मोदी की तारीफ भी की थी। प्रतीक और अपर्णा ने मोदी के साथ सेल्‍फी भी डाली थी। समाजवादी पार्टी ने पिछले साल अपर्णा यादव की उम्मीदवारी घोषित की थी। अपर्णा सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि माना जा रहा है अपर्णा की सक्रियता अखिलेश यादव को सही नहीं लगी। साथ ही अखिलेश कैंप में सीएम पद और मुलायम के उत्तराधिकारी के लिए अपर्णा को खतरा भी समझे जाने लगा। इसके साथ ही अपर्णा की राजनीति में एंट्री को एक ‘अनावश्यक एंट्री’ समझा गया।