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जेईई व अन्य प्रवेश परीक्षाओं की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज की निगरानी में हो: कांग्रेस

कांग्रेस ने संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में कथित धांधली के एक हालिया प्रकरण का हवाला देते हुए शनिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में इस परीक्षा और पिछले सात वर्षों के दौरान हुई अन्य प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच कराई जाए। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार इस तरह के मामलों पर पर्दा डालती है।

उन्होंने ट्वीट किया, ”जेईई (मुख्य) परीक्षा में सेंध लगी है। छात्र ऐसी परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत करते हैं और कई परेशानियों का सामना करते हैं। एक राष्ट्र के तौर पर यह हमारी जिम्मेदारी हैं कि साफ-सुधरी परीक्षा हो। भारत सरकार ऐसे मामलों पर पर्दा डालने में आगे है।

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने यह भी कहा कि ‘युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) और केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय जवाबदेह हैं। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ”भाजपा की सरकारों में पेपर लीक होना पुरानी बात है। यह सिलिसला व्यापमं से शुरू हुआ था और अब जेईई तक पहुंच गया है। देश के भविष्य और युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है। ‘पेपर लीक सरकार को युवाओं को जवाब देना होगा क्योंकि युवाओं की सीट बेची जा रही है।

वल्लभ के मुताबिक, ”हरियाणा के सोनीपत शहर से जेईई (मुख्य) परीक्षा का पेपर लीक किये जाने का मामला सामने आया है। वहां कंप्यूटर में रिमोट एक्सेस के जरिये सवालों को कोई दूसरा हल कर रहा था। यह कक्षा 12वीं के बाद सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा है, लेकिन 70 साल में पहली बार इसमें भी धांधली हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा, ”एनटीए का गठन केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था। हम शिक्षा मंत्री और एनटीए को सीधे जवाबदेह मानते हैं।

वल्लभ ने कहा, ”हमारी मांग है कि उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश की अगुवाई में समिति बने और पिछले सात वर्षों में हुईं प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की जांच हो। यह पता लगाया जाए कि इन मामलों में कौन लोग शामिल थे।

गौरतलब है कि सीबीआई ने कहा है कि उसने नोएडा के एक निजी संस्थान के दो निदेशकों समेत सात लोगों को जेईई मेन्स परीक्षा, 2021 में कथित धांधली के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।