देश की रक्षा की खातिर करीब 15 हजार फीट ऊंचाई पर लद्दाख की बर्फीली चोटी पर आक्सीजन की कमी से हृदयगति रुकने से जिले का सपूत शहीद हो गया। उनका अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ मेहंदीघाट पर आज किया जाएगा। रविवार को दिन भर परिजनों को ढांढस बंधाने वालों का तांता लगा रहा।
बिलग्राम के बेहटी खुर्द निवासी बाबूराम पाठक एडीओ पंचायत के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उनके तीन बेटों में से एक सत्यम कुमार पाठक (37) बचपन से ही सेना में जाने के सपने देखा करते थे। देश प्रेम की फिल्में व गीत बचपन से ही उनको आकर्षित करते थे।
इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद वर्ष 2001 में वह सेना में 539 एएससी बटालियन में हवलदार पद पर भर्ती हो गए। चीन के हमले के बाद से दो सालों से वह तांगसे मिलिट्री स्टेशन पर ही तैनात थे। वहां तापमान माइनस में रहता है। छोटे भाई शिवम पाठक ने बताया कि शनिवार दोपहर फोन आया कि उनके भाई की ड्यूटी के दौरान मृत्यु हो गई है।
चिकित्सकीय परीक्षण के बाद उनकी मृत्यु का कारण आक्सीजन की कमी से हृदय गति रूकना बताया गया है। सूचना के बाद से उनके पिता बाबूराम, मां सरला देवी, पत्नी रानी लली व बच्चे आकांक्षा, शालिनी, प्रिंस व निखिल का रो-रोकर बुरा हाल है।
मुख्यमंत्री ने की 50 लाख की सहायता की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करके सत्यम की शहादत पर श्रद्धासुमन अर्पित कर 50 लाख की आर्थिक सहायता की घोषणा की है। इसके अलावा परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी व एक सड़क का नाम सैनिक सत्यम कुमार पाठक के नाम पर करने की घोषणा की।
दुर्घटना में एक बेटा पहले ही खो चुके पिता
इसे कुदरत का कहर ही कहेंगे कि बाबूराम पाठक का एक बेटा संजय पाठक जो शिक्षामित्र था, कुछ साल पहले उसकी मार्ग दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी। अब 16 अक्तूबर को सुबह सात बजकर 10 मिनट पर सत्यम हमेशा के लिए छोड़कर चला गया।