Tuesday , February 7 2023

पीलीभीत में बाढ़: जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े लोग, सोमवार से है रेस्क्यू टीम का इंतजार

चौतरफा बाढ़ के पानी से घिरे 18 लोग मदद का इंतजार कर रहे हैं। छप्पर पर चढ़कर 12 और छह जान बचाने के लिए पेड़ पर चढ़े हैं। कुछ लोगों ने वीडियो बनाकर गांव वालों को भेजी है। अब मोबाइल डाउन होने पर गांव वालों से संपर्क टूट चुका है। तीसरे दिन भी फंसे लोगों को निकाला नहीं जा सका है।

सोमवार रात शारदापार जंगल किनारे गौढ़िया (पशुओं को एक स्थान पर पालने का स्थान) बनाकर रह रहे गांव नहरोसा के 18 लोग अलग-अलग स्थानों पर शारदा नदी की बाढ़ में फंस गए। इसमें गांव बमनपुर भागीरथ के समीप छह लोग तीन दिन से शीशम के पेड़ पर चढ़कर सहायता का इंतजार कर रहे हैं। बाढ़ में छप्पर बहने पर गौढ़ी संचालकों ने एक शीशम के पेड़ पर शरण ले रखी है।

गौढ़ी के करीब पांच सौ पशु बाढ़ के पानी में बह जाने का अंदेशा है। पेड़ पर फंसे इन लोगों ने घटना की जानकारी मोबाइल पर गांव वालों को दी। वीडियो क्लिप बनाकर भी भेजी। प्रधान से बाहर निकलवाने की मांग की। इसके अलावा अफसरों से भी फोन पर बाहर निकलवाने की गुहार लगाई। मगर, बुधवार को तीसरे दिन भी उनको बाहर नहीं निकाला जा सका।

फंसे लोगों के मोबाइल स्विच ऑफ होने पर उनका संपर्क गांव के लोगों से भी कट गया है। इसके अलावा इसी गांव के बमनपुर भागीरथ में गौढ़ी पर रह रहे 12 लोग तीन दिन से फंसे हुए हैं। ये लोग छप्परों पर शरण लिए हुए हैं। छप्पर कब बाढ़ में बह जाए तर्क दे रहे हैं। इन लोगों ने मोबाइल पर अपने फंसे होने की जानकारी गांव के लोगों को दी।

मगर तीसरे दिन इनको भी नहीं निकाला जा सका। इन लोगों की गौढ़ी के पशु लापता है। प्रधान पति समीउद्दीन शम्मू ने बताया कि गांव के लोगों के फंसने की जानकारी अफसरों को दी गई। एसएसबी के जवानों ने मंगलवार को पहुंचकर फंसे छह लोगों को बाहर निकाल लिया। रात होने का तर्क देकर चले गए। मगर अभी 18 लोगों को नहीं निकाला जा सका।  

गांव नहरोसा के जंगल किनारे बाढ़ में फंसे लोगों की जानकारी पर बुधवार को पीएसी को भेजा गया है। पीएसी के जवान मोटरबोट की सहायता से लोगों को निकाल रहे हैं।

  • अशोक कुमार गुप्ता, तहसीलदार
    बाढ़ ने मचाया हाहाकार
    बरेली : दो दर्जन गांवों में ‘जलप्रलय’, बचाव में जुटा महकमा
    पहले से रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच रहा था। कालागढ़ और कोसी डैम से मंगलवार और बुधवार को करीब एक लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बरेली के मीरगंज, फरीदपुर और बहेड़ी में बाढ़ सी स्थिति आ गई है। करीब 10 साल बाद ऐसी स्थिति होने से जनजीवन प्रभावित हो गया है। बचाव कार्य में स्थानीय प्रशासन जुट गया है। संवाद

पीलीभीत : वायुसेना ने हेलीकाप्टर से दो घंटा रेस्क्यू कर 26 लोगों को बाढ़ से सुरक्षित निकाला
पीलीभीत। जिले में शारदा नदी के पार बाढ़ के पानी में 48 घंटे से फंसे लोगों को निकालने के लिए बुधवार को सुबह आठ बजे सेना के हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू शुरू किया गया। डीएम पुलकित खरे,एसपी दिनेश कुमार पी. समेत पूरा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। नगरिया खुर्द कला स्थित पंचायत भवन के ग्राउंड पर हेलीकॉप्टर ने की लैंडिंग की। इसके बाद 23 लोगों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकाला गया। इधर, उफनाई शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है। 

शाहजहांपुर में बाढ़ का अलर्ट, प्रबंधन में जुटा प्रशासन
पहाड़ों में लगातार बारिश होने के कारण गर्रा, खन्नौत, गंगा और रामगंगा नदियों में बाढ़ की स्थिति है। कालागढ़ बांध से पानी छोड़ने के बाद उम्मीद है कि बृहस्पतिवार सुबह तक काफी पानी नदियों में पहुंच जाएगा। इसके मद्देनजर डीएम ने बुधवार को नदियों की स्थिति देखी और आसपास के लोगों को सतर्क किया है। गर्रा और खन्नौत का पानी शहर में घुसने की आशंका है। बाढ़ की जानकारी लेने के लिए प्रशासन ने फोन नंबर भी जारी किए हैं। सभी एसडीएम अपने क्षेत्र में नदी किनारे पड़ने वाले गांवों में बाढ़ से बचाव के इंतजाम देख रहे हैं।

बदायूं : गंगा ने खतरे का निशान पार किया, आज और बढ़ेगा जलस्तर
नरौरा बैराज से एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ने के बाद गंगा ने कछला में मीटरगेज पर खतरे का निशान पार कर दिया है। उसहैत और सहसवान के तटवर्ती 10 से ज्यादा गांव एक बार फिर से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बृहस्पतिवार को गंगा में इससे भी ज्यादा पानी आएगा। बुधवार को उसहैत, नगला अजमेरी और गंगा-महावा बांध को संवेदनशील घोषित कर दिया गया है। बुधवार को नरौरा से एक लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है। इसके साथ ही बिजनौर और हरिद्वार से दो-दो लाख क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ा गया है। कई स्थानों पर गंगा तेजी से कटान कर रही हैं।

लखीमपुर खीरी : बाढ़ से करीब 100 गांव प्रभावित, कई गांवों का संपर्क कटा
बनबसा डैम से मंगलवार की सुबह छोड़े गए करीब पांच लाख क्यूसेक पानी के यहां पहुंचते ही जिले में भीषण बाढ़ आ गई। अचानक आई बाढ़ से करीब 90 गांव प्रभावित हुए हैं। कई रास्तों पर पानी भर जाने से उनका संपर्क उन जगहों से कट गया है। उधर, मैलानी-गोडा रेल प्रखंड पर भीरा-पलिया के बीच करीब तीन किलोमीटर रेलवे ट्रैक पानी में डूब गया है। कई जगह रेलवे ट्रैक के नीचे से तेज रफ्तार से पानी बह रहा है। इसे देखते हुए रेल यातायात रोक दिया गया है। रेलवे ट्रैक कटने से दूसरी तरफ के करीब एक दर्जन गांवों के लिए खतरा बढ़ गया है।

पलिया में शारदा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सुबह नौ बजे पलिया के शारदा पुल पर जलस्तर 155.770 मीटर रिकार्ड किया गया, जबकि शारदा नगर में जलस्तर 135.75 मीटर रिकार्ड हुआ है। उधर, घाघरा बैराज पर घाघरा नदी का जलस्तर दोपहर 12 बजे 136.70 मीटर दर्ज हुआ है। अभी बनबसा से और पानी रिलीज किए जाने की संभावना है, जिससे हालात और ज्यादा खराब होने की आशंका जताई जा रही है। उधर, नेपाल में भारी बारिश के चलते मोहाना, कर्णाली और सुहेली नदियों में भी बाढ़ आ गई है। इसके चलते भारत नेपाल सीमा पर दर्जनों गांवों और रास्तों पर पानी भर गया है। लोग अपने गांवों में फंस कर रह गए हैं।