वातावरण की नमी कम होने के साथ ही दिल्ली की हवा अच्छी से खराब हो गई है। 48 घंटे के भीतर वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) में 175 अंकों को उछाल आया और वह 46 से 221 पर जा पहुंचा। सफर का पूर्वानुमान है कि बारिश नहीं होने की सूरत में प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ेगा। पांच दिन में यह बेहद खराब से गंभीर स्तर तक पहुंच सकती है।
सोमवार की तेज बारिश से दिल्ली की हवा साफ हो गई थी। धूल के महीन कण पीएम10 हवा में पहुंचना बंद हो गए थे। पड़ोसी राज्यों में पराली जलने के मामलों में भी कमी आई थी। इनके मिले-जुले असर से साल में पहली बार हवा की गुणवत्ता अच्छी श्रेणी में चली गई है। सोमवार को सूचकांक 46 दर्ज किया गया था।
दूसरे दिन मंगलवार को भी बारिश का असर दिखा और हवा की गुणवत्ता बेहतर रही, लेकिन खिली धूप में बुधवार को हवा में नमी का स्तर 47 फीसदी तक पहुंच गया। इससे धूल के महीन कणों का धरती से निकलना संभव हो गया। दूसरी तरफ पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के 746 मामले रिकार्ड होने से पीएम2.5 का हिस्सा 12 फीसदी चला गया। इससे वायु गुणवत्ता सूचकांक 221 दर्ज किया गया।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दो दिन में प्रदूषण स्तर में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। बुधवार को सूचकांक 221 पर पहुंच गया। हवा का यह स्तर खराब श्रेणी में आता है। उधर, सफर का पूर्वानुमान है कि आने वाले दिनों में पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने के मामले बढ़ने का अंदेशा है। हवा की दिशा उत्तर पश्चिम होने से पराली से निकलने वाले पीएम2.5 की मात्रा भी बढ़ेगी। अगर बारिश नहीं हुई तो अगले दो दिन में हवा खराब स्तर में पहुंच जाएगी। उसके बाद के तीन दिन में यह गंभीर स्तर तक पहुंच सकती है।
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