महामंडलेश्वर की पदवी बांटने को लेकर अक्सर विवादों में रहा पंच दशनाम जूना अखाड़ा एक बार फिर विवादित बाबा के अभिषेक को लेकर घिर गया है। तीन दिन पहले गाजियाबाद के डासना देवी मंदिर के विवादित पुजारी यति नरसिंहानंद को महामंडलेश्वर बनाया गया है। नरसिंहानंद पर अलग-अलग मामलों में यूपी में 100 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। जूना अखाड़े का कहना है कि चूंकि नरसिंहानंद कट्टरपंथी समुदाय के निशाने पर रहे हैं, ऐसे में उनको संरक्षण प्रदान करने के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है। संन्यासी परंपरा के सात अखाड़ों में जूना अखाड़ा सबसे बड़ा और ताकतवर माना जाता रहा है।
दरअसल दीपेंद्र नारायण उर्फ दीपक त्यागी के भगवा धारण करने से लेकर महामंडलेश्वर बनने तक की कहानी बेहद दिलचस्प है। बुलंदशहर के हिन्नौत गांव निवासी दीपक त्यागी 12वीं पास करने के बाद ही पढ़ाई के लिए मॉस्को चले गए थे। वतन वापसी के बाद वर्ष 2002 में सांसारिक मायामोह से उनका मन विरक्त होने लगा। अंतत: उन्होंने संत ब्रह्मानंद से संन्यास की दीक्षा ले ली और फिर दीपक त्यागी से यति नरसिंहानंद सरस्वती बन गए। इसके बाद वह अपनी हिंदूवादी छवि बनाने के लिए कट्टरपंथी बयानों को लेकर विवादों में रहने लगे।
गाजियाबाद में डासना देवी मंदिर के पुजारी के तौर पर एक समुदाय विशेष की धार्मिक भावनाएं आहत करने और भड़काऊ टिप्पणियों को लेकर उन पर सौ से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। अब तीन दिन पहले ही हरिद्वार में गंगा के तट पर पट्टाभिषेक के बाद उन्हें जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर बना दिया गया है। ऐसे में यति नरसिंहानंद को महामंडलेश्वर बनाए जाने का फैसला लोगों के लिए चौंकाने वाला है। कहा जा रहा है कि यति जूना अखाड़े के महंत नारायण गिरि के संपर्क में रहे हैं।
महंत हरि गिरि ने हाल ही में दी थी यति को संन्यास की दीक्षा
ऐसे में यति के आग्रह पर ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक महंत हरि गिरि ने उन्हें हाल में ही संन्यास की दीक्षा दी थी। संन्यास दीक्षा के बाद वह नरसिंहानंद गिरि हो गए और हरिद्वार में ही उनका पट्टाभिषेक कर दिया गया। बीते अगस्त महीने में यति नरसिंहानंद का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह भाजपा की महिला नेताओं के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करते दिखे थे। सोशल मीडिया पर वायरल हुए इस वीडियो को लेकर भी भी वह विवादों में रहे हैं। इसी तरह बीते मार्च महीने में गाजियाबाद के जिस मंदिर में पानी पीने के लिए 14 साल के मुस्लिम परिवार के किशोर की बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया था, उस मंदिर के पुजारी नरसिंहानंद ही थे।
यति नरसिंहानंद हरिद्वार समेत कई इलाकों में हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। हरिद्वार ही नहीं अन्य इलाकों में विशेष वर्ग की आबादी तेजी से बढ़ रही है। साथ ही समुदाय विशेष के लोग बार-बार नरसिंहानंद के खिलाफ फतवा जारी करते रहे हैं। ऐसे में उनको जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर बनाकर और अच्छा काम करने के लिए नई जिम्मेदारी दी गई है। – महंत हरि गिरि, महामंत्री, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।
शराब माफिया सचिन दत्ता से लेकर राधे मां तक को लेकर रहा है विवाद
शराब माफिया सचिन दत्ता से लेकर राधे मां तक को महामंडलेश्वर बनाने के लिए जूना अखाड़ा पहले से ही विवादों में रहा है। ऐसे विवादित व्यक्तियों को पहले महामंडलेश्वर बनाना और फिर आचोलना से घिरने के बाद फैसले पलटने का भी काम इस अखाड़े में होता रहा है। वर्ष 2019 में कन्हैया प्रभुनंद समेत कई दलितों को भी महामंडलेश्वर बनाकर जूना अखाड़ा बहस के केंद्र में रहा है।
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