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बीएचयू कैंपस में लगे पोस्टर: विश्वविद्यालय को हिंदू विरोध का अड्डा न बनने देने की चेतावनी, माहौल गरमाया

बीएचयू कैंपस में बुधवार देर शाम कला संकाय सहित कई जगहों पर पोस्टर चस्पा कराया गया। यह पोस्टर किसने चस्पा किया, यह तो पता नहीं चल पाया है, लेकिन जो पोस्टर तैयार किया गया है, उस पर एक तरफ सावरकर विचार मंच और दूसरी तरफ एबीबीवाई लिखा है। वेबिनार के लिए अल्लामा इकबाल और फिर महामना का पोस्टर भी लगाया गया।

साथ ही यह भी लिखा है कि भारत के मानचित्र को खंडित दिखाना, कक्षाओं में प्रभु श्रीराम का अपमान। अब महामना का अपमान और मो. इकबाल का महिमा मंडन। इसके साथ ही इसमें बीएचयू को हिंदू विरोध का अड्डा न होने देने की चेतावनी भी दी गई है। 

अभाविप ने वेबिनार में बयान पर भी जताई आपत्ति, उच्च स्तरीय जांच की मांग

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रभारी वीसी को ज्ञापन सौंपकर वेबिनार में दिए गए बयानों पर आपत्ति जताते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कार्यकर्ताओं ने कुलपति को सौंपे ज्ञापन में बताया है कि केवल महामना की तस्वीर न लगाने का मामला ही नहीं बल्कि वेबिनार में शामिल वक्ताओं ने कई आपत्तिजनक वक्तव्यों का भी प्रयोग किया है।

परिषद के बीएचयू इकाई संयोजक अधोक्षज पांडेय, सह संयोजक अभय प्रताप सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में सांप्रदायिक एवं घोर आपत्तिजनक वक्तव्यों का प्रयोग किया गया। जो कि विश्वविद्यालय की गरिमा एवं देश की एकता एवं अखंडता के विरुद्ध है। परिषद इसकी निंदा करता है।
कार्यकर्ताओं ने वेबिनार की संपूर्ण रिकॉर्डिंग को सार्वजनिक करने की मांग की है। साथ ही ऐसे आयोजनों की सूचना एक सप्ताह पूर्व वेबसाइट पर डालने की मांग की है। इस दौरान साक्षी सिंह और प्रिया सैनी भी मौजूद रहीं।

महामना का अपमान निंदनीय : डॉ. जावेद
भारतीय जनता पार्टी अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने पूरे मामले की कड़े शब्दों में निंदा की है। कहा कि पं. मदन मोहन मालवीय की जगह पाकिस्तान समर्थक अल्लामा इकबाल की तस्वीर लगाना निहायत ओछी एवं नागवार हरकत है। चंद लोगों की वजह से पूरे समाज में गलत संदेश जाता है। उर्दू जैसे बेहतरीन भाषा की तौहीन होती है।

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