बच्चे के जन्म लेने के तत्काल बाद उसका आधार कार्ड बनाया जाएगा। जो उसके माता-पिता के आधार से लिंक होगा। बच्चा जब पांच साल का होगा, तब उसकी बायोमीट्रिक जानकारी ली जाएगी। इसके जरिए जन्म पंजीयन की व्यवस्था भी सुचारु रूप से चलेगी।
लखनऊ में संबंधित पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद गुरुवार को इसे प्रदेश के आठ पिछड़े जिले में शुरू किया जाएगा। स्वास्थ्य महानिदेशालय सभागार में होने वाले एक समारोह में इसके लिए चित्रकूट को 18, सिद्धार्थनगर को 14, बहराइच व फतेहपुर को 13-13, बलरामपुर को 09, सोनभद्र को 08, श्रावस्ती के 07 और चंदौली को 06 लैपटॉप दिए जाएंगे।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह और विभाग के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे। गौरतलब है कि वर्तमान में लखनऊ के 26 अस्पतालों में जन्म के तत्काल बाद बच्चों का आधार कार्ड बनाया जा रहा है।