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देव दीपावली: अर्द्धचंद्रकार घाटों ने पहना दीपों का हार, मातृशक्ति ने उतारी मां गंगा की आरती

कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर काशी के गंगा घाट वैदिक मंत्र और हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठे। धूप-दीप, गुग्गुल, लोबान की सुवास ने श्रद्धा के भाव संग शाम होते ही घाटों को गमकाया तो घाटों की अर्द्धचंद्राकार शृंखला भी आस्था के अपार सागर में डूबती-उतराती रही।

मां गंगा के दोनों किनारों पर दीपों की लड़ियां सजीं तो ऐसा लगा मानो सदानीरा ने दीपों का अर्द्धचंद्राकार हार पहन लिया हो। घाटों की साज सज्जा सभी को मोहित करती रही। गंगा उस पार रेती पर भी आस्थावानों की चहलकदमी रही। 84 घाटों पर एक साथ 15 लाख दीपों की लड़ियाें ने आसमान के तारों को भी मात दे दी। 

दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती का प्रतिनिधित्व मातृशक्ति स्वरूपा कन्याओं ने किया। नारी सशक्तीकरण का संदेश देने के लिए शुरू हुई इस पहल का हर किसी ने सराहा। इसके साथ ही कार्तिक मास पर्यन्त शहीदों की याद में रोशन होने वाले आकाशदीप का भी समापन हो गया। 

मां गंगा का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक
शुक्रवार को गंगोत्री सेवा समिति की ओर से गंगा का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ। समिति के संस्थापक अध्यक्ष किशोरी रमण दुबे के सानिध्य में मुख्य अतिथि सुमेरूपीठ शंकराचार्य स्वामी नरेंद्रानंद सस्वती, पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह, डॉ. उत्तीय भटाचार्य, अरुण प्रयास कमलेश कुमार राय, चंद्रिका राय, घनश्याम परमार, नितिन जालान ने मां गंगा का पूजन कर 51 लीटर दूध से अभिषेक किया।

मां गंगा की प्रतिमा का शृंगार 108 किलो फूल से किया गया। मान्या, पद्माक्षी, रोशनी, पूजा और करिश्मा ने गंगा आरती का नेतृत्व किया। पांच कन्याओं और 21 बटुकों ने मां गंगा की आरती उतारी साथ ही 42 रिद्धि सिद्धि की प्रतीकात्मक कन्याएं चंवर डोला रही थीं। कन्हैया दुबे केडी के संयोजन में गायक और सांसद मनोज तिवारी, ओम तिवारी, आस्था शुक्ला और अमलेश शुक्ला ने प्रस्तुतियां दीं।

51 कन्याओं ने उतारी मां गंगा की आरती
दशाश्वमेध घाट पर गंगा सेवा निधि की ओर से आयोजित गंगा आरती में 51 कन्याओं ने मां गंगा की आरती उतारी। अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर आशीष तिवारी ने संस्था की ओर से रिथलेईंग की। इसके बाद 39 जीटीसी के जवानों ने बैंड की धुन के साथ गार्ड ऑफ ऑनर दिया।

मुख्य अतिथि लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राना एवीएसम, पद्मश्री अनुराधा पौडवाल और एयर कमोडोर अनुज गुप्ता रहे। स्वागत गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने किया। आचार्य रणधीर के नेतृत्व में 21 ब्राह्मणों ने मां गंगा की आरती उतारी। दुर्गा चरण इंटर कॉलेज की 42 कन्याएं रिद्धि-सिद्धि के स्वरूप में चंवर डोला रही थीं।

घाटों पर लगी आस्थावानों की कतार

घाटों पर लगी आस्थावानों की कतार

शुक्रवार को दोपहर से ही आस्थावनों की कतार गंगा घाटों की गलियों से जुड़ने लगीं। सूर्यास्त के साथ ही माटी के दीपों में तेल की धार से रुई की बाती तर होकर दैदीप्यमान हो उठी। गोधूलि बेला में एक-एक कर दीपों की लड़ियां पूनम के चांद को भी अपनी रोशनी से चुनौती देते नजर आईं। काशी विश्वनाथ दरबार से लेकर सारनाथ स्थित सारंगनाथ मंदिर शाम होते ही दीयों से सजने लगा।

देव दीपावली की रात साक्षात देवलोक गंगा के तट पर उतर आया। उत्तरवाहिनी के अर्द्धचंद्राकार घाटों ने दीपों के चंद्रहार से शृंगार किया तो इस अलौकिक आभा को आंखों में समाने के लिए श्रद्धालुओं ने भी जतन किए। रात गहराने के साथ ही गंगा की लहरों पर दीयों के प्रकाश का स्वर्णिम सौंदर्य और गहराता चला गया। 

पंचगंगा पर जल उठा हजारा दीप
पंचगंगा घाट पर प्रकाशित होने वाला हजारा दीपों के मंच ने भी आभा बिखेरी। दशाश्वमेध घाट पर दोपहर से ही श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया। गंगा पार रेती पर शिक्षकों ने रंगोली के जरिए काशी के घाटों का अप्रतिम सौंदर्य उकेरा।

अस्ताचलगामी सूर्य के साथ घाटों पर बढ़ता गया रेला

देव दीपावली 2021

धर्मनगरी काशी में सदानीरा के तट पर विश्वविख्यात देव दीपावली पर शुक्रवार को देश-विदेश के सैलानियों का हुजूम उमड़ पड़ा। राजघाट से अस्सी तक दीपदान के लिए ऐसा रेला दोपहर से उमड़ना शुरू हुआ कि शाम से पहले ही घाटों की ओर जाने वाली गलियां जाम हो गईं। सुबह से ही घाटों पर श्रद्धालुृओं के आने का सिलसिला शुरू हो गया था, जो देर शाम तक चलता रहा।

कार्तिक पूर्णिमा पर सूर्य निकलने से पहले ही आस्था की डुबकी शुरू हुई तो सूर्य अस्त होते ही माटी के दीपों से घाट प्रकाशित हो उठे। राजघाट से पंचगंगा और उधर अस्सी से दशाश्वमेध तक पैर नहीं रख पाने के माहौल में शृंखलाबद्ध दीप देवताओं के धरती पर आगमन के स्वागत को आतुर थे। दोपहर बाद से ही लक्सा से लेकर दशाश्वमेध, शीतला, पंचगंगा, तुलसी, मुंशी, सिंधिया, आदिकेशव सहित अन्य घाटों पर पहुंचने के लिए लंबी कतार लग गई थी।

घाट पर उमडे़ जनसैलाब के बीच हर-हर महादेव के गगनचुंबी जयकारों ने देव दीपावली की अनुपम छटा को और निखार दिया। श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी तो लोगों को ठंड का अहसास भी नहीं हुआ।देवदीपावली पर जैसे-जैसे भगवान भास्कर अस्ताचलगामी हुए गंगा तट, कुंड, सरोवर और मंदिरों में दीपदान करने वालों का रेला बढ़ता ही चला गया।

काशी विश्वनाथ मंदिर के अलावा मारकंडेय महादेव, जागेश्वर महादेव, तिलभांडेश्वर महादेव, सारंगनाथ महादेव, बड़ा गणेश, कालभैरव, बटुक भैरव, मणि मंदिर, बीएचयू स्थित विश्वनाथ मंदिर और दुर्गाकुंड स्थित दुर्गा मंदिर में भी शाम होते ही दीप जल उठे। इसके अलावा कैंट रेलवे स्टेशन पर दीप जलाए गए।

गंगा पार रेती पर अव्यवस्थाओं से जूझते रहे शिक्षक

देव दीपावली 2021

देव दीपावली पर जहां घाटों पर दीपों का अलौकिक नजारा दिखा, वहीं तेल, दिया और बाती की कमी से गंगा पार रेती पर कम दीपक जलाए गए। हालात यह हो गए कि दीयों की कमी के चलते सेक्टर 18 व 19 में दीपदान का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। 

शुक्रवार को सुबह नौ बजे से ही शिक्षक गंगा पार रेती पर जुटने लगे थे। लेकिन दोपहर दो बजे तक कई सेक्टरों को दीया, बाती व तेल नहीं उपलब्ध हो सका था। दोपहर बाद प्रशासन की ओर से दीया तो उपलब्ध कराया गया, लेकिन कई सेक्टरों को आखिरी वक्त तक बाती नहीं मिल सकी।

शिक्षकों ने अपने खर्चे से बाती, दीया और तेल का इंतजाम करके देव दीपावली के आयोजन को पूर्ण किया। वहीं रेत पर गंदगी व बदबू के कारण दीपदान की ड्यूटी में लगे शिक्षक परेशान रहे। प्रशासन द्वारा तैयार कराए गए मोबाइल टॉयलेट की व्यवस्था नाकाफी रही। 

35 हजार दीपों के लिए मिला एक टीन तेल
गंगा पार रेत पर 11 से 20 सेक्टर में बेसिक शिक्षा विभाग को साढ़े तीन का लाख दीप जलाने की जिम्मेदारी दी गई थी। इसमें एक सेक्टर में 35 हजार दीप जलाने थे। इनको जलाने के लिए किसी सेक्टर को तीन तो किसी सेक्टर को एक टीन तेल दिया गया।  वहीं शिक्षकों को वापस आने के लिए काफी फजीहत उठानी पड़ी। पर्यटन विभाग की ओर से बेसिक शिक्षा विभाग को अलॉट की गई नाव का इंतजाम न किया गया। नाव न मिलने के कारण कुछ तो पैदल ही रामनगर की ओर चल पड़े। 

चाक चौबंद रही सुरक्षा व्यवस्था, गंगा में चक्रमण करती ही क्यूआरटी

देव दीपावली 2021

देव दीपावली पर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। अपराह्न से लेकर कार्यक्रम समाप्ति तक पुलिस गंगा घाटों और प्रमुख चौराहों पर मुस्तैद रही। गंगा में रिवर रेस्क्यू आपरेशन की क्यूआरटी 84 घाटों पर चक्रमण करती रही और नाव पर कहीं भी क्षमता से अधिक यात्री नहीं थे। इसकी निगरानी में जल पुलिस और इलाकाई पुलिस अंतिम समय तक डटी। 

पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश, अपर पुलिस आयुक्त अपराध व मुख्यालय सुभाष चंद्र दुबे और अपर पुलिस आयुक्त कानून व्यवस्था अनिल कुमार सिंह पूरे समय तक निगरानी व्यवस्था में लगे रहे। सुबह और शाम के समय काशी व वरुणा जोन के डीसीपी, एडीसीपी और सभी एसीपी अपने-अपने सर्किल में थानेदारों के संग मुस्तैद रहे। संदिग्धों की सघन तलाशी ली गई। गंगा घाटों के साथ ही शहर के प्रमुख कुंड और तलाबों पर भी पुलिस का पहरा रहा। 

उधर, ग्रामीण क्षेत्रों में भी कुंड और तलाबों पर उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस अधीक्षक ग्रामीण अमित वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण नीरज पांडेय और सभी क्षेत्राधिकारियों के नेतृत्व में थानेदार सुरक्षा व्यवस्था में लगे रहे।

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