श्रीराम जन्मभूमि स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक में राम भक्तों की सुरक्षा और सुविधा के लिए कई अहम निर्णय लिए गए। रामलला के सुरक्षा घेरे में परिवर्तन होगा। दीपोत्सव के बाद रोजाना बढ़ रही भक्तों की संख्या को देखते हुए अस्थायी मंदिर में रामलला के दर्शन को सुगम बनाने के लिए रामजन्मभूमि पथ के साथ ही एक नया गैंग-वे (राममंदिर के आगे सुरक्षा के लिए जाली का घेरा) भी लगेगा।
सीसीटीवी की संख्या बढ़ाने के साथ पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी परिसर में लगेगा। वीआईपी दर्शन के लिए अलग मार्ग और सुरक्षा व प्रोटोकॉल को लेकर नए पद भी सृजित करने पर चर्चा हुई। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल के साथ आईबी के निदेशक अरविंद कुमार, एडीजी सुरक्षा वीके सिंह, एडीजी सीआरपीएफ नितिन अग्रवाल, एडीजी जोन एसएन साबत, आईजी जोन केपी सिंह, आईजी पीएसी अनिल कुमार राय, सीआरपीएफ के आईजी अमित कुमार, डीआई एचएस कनौजिया, डीएम नितीश कुमार, एसएसपी शैलेश पांडेय सोमवार सुबह 10:30 बजे श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे।
वहां मौजूद श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय व ट्रस्टी अनिल मिश्र ने सभी को श्रीराम जन्मभूमि पर हो रहे निर्माण कार्य से अवगत कराया। इस दौरान एलएंडटी और टाटा कंसल्टेंसी के इंजीनियरों ने प्रजेंटेशन के जरिए राममंदिर निर्माण व परिसर की विस्तृत जानकारी दी।
इसके पहले अधिकारियों ने रामलला के दर्शनकर पूजन भी किया।इसके बाद परिसर में स्थित विश्वामित्र आश्रम में श्रीराम जन्मभूमि स्थायी सुरक्षा समिति की बैठक डीजीपी की अध्यक्षता में शुरू हुई। इस दौरान उच्च अधिकारियों और ट्रस्ट महासचिव के अलावा किसी को अंदर जाने की इजाजत नहीं थी।
बैठक में राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला के दर्शन करने और निर्माण कार्य देखने आ रहे भक्तों की भारी तादात और निकट भविष्य में तेजी से बढ़ने वाली संख्या के मद्देनजर सुरक्षा और सुविधाओं को बढ़ाने पर चर्चा हुई।
श्रीराम जन्मभूमि दर्शन के लिए हनुमानगढ़ी से रामजन्मभूमि पहुंचने वाले दर्शनमार्ग के अलावा सुग्रीव किला से श्रीराम जन्मभूमि तक निर्माणाधीन राम जन्मभूमि पथ को जल्द से जल्द तैयार करके भक्तों के भीड़ को नियंत्रित करने और उनके लिए आवश्यक सुविधाएं निर्मित करने पर चर्चा हुई। इसी के साथ दर्शनमार्ग पर सीसीटीवी लगाने के साथ रामलला के लाइव दर्शन के लिए एलईडी सिस्टम भी लगाने का निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद एडीजी जोन एसएन साबत ने बताया कि अयोध्या की सुरक्षा हमेशा से महत्वपूर्ण रही है। श्रीराम मंदिर निर्माण शुरू होने के बाद सुरक्षा पर और ज्यादा फोकस रहेगा। मंदिर की सुरक्षा किस प्रकार होगी इस पर मंथन जारी है। मंदिर निर्माण के साथ श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा का खाका खींचा जा रहा है। कहा कि दर्शनार्थियों को सुविधा मिले, सुगम दर्शन हो, इसको लेकर ट्रस्ट के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श हुआ है।
उन्होंने बताया कि ट्रस्ट से अनुरोध किया गया है कि रामलला के दर्शन की समय सीमा बढ़ा दें। समय सीमा बढ़ाने से अधिक लोग दर्शन कर सकेंगे, फिर भी संख्या बढ़ती है तो अलग से रास्ता व गैंग-वे बनाने पर विचार होगा। अभी सुरक्षा पर्याप्त है लेकिन भक्तों की संख्या बढ़ने के बाद नए रास्ते और गैंग-वे आवश्यकतानुसार बढ़ाया जाएगा। टूरिस्ट की आवश्यकता को देखते हुए पुलिस विभाग ने भी टीम बनाई है। अयोध्या के विकास के साथ सुरक्षा भी मजबूत होना अत्यावश्यक है। जैसे-जैसे विकास योजनाएं मूर्त रूप लेंगी, उसी तरह सुरक्षा का भी खाका बनेगा।
विभिन्न भाषाओं के लगेंगे संकेतक
बैठक के बाद आईजी जोन एसएन साबत ने बताया कि अयोध्या में भक्तों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। भारत के विभिन्न प्रांतों से भक्तों के आने का क्रम जारी है। इसलिए रामनगरी में खासकर रामकोट इलाके में जगह-जगह संकेतक लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। यह संकेतक अंग्रेजी, हिंदी सहित विभिन्न भाषाओं में लगाए जाएंगे। जिससे कि देश-विदेश के श्रद्धालुओं को दर्शन-पूजन करने में सुविधा मिल सके।