Friday , February 10 2023

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने युवाओं से की इस मामले में सक्रिय रहने की अपील

मोदी सरकार में विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने मंगलवार को युवाओं को विदेशी मामलों में सक्रिय रुचि लेने के लिए प्रोत्साहित किया। गुजरात के अहमदाबाद में मोदी युग में भारतीय विदेश नीति विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि लोग जानें कि एक विदेश मंत्री क्या करता है और विदेश नीति आज सभी को कैसे प्रभावित करती है। उन्होंने कहा, “मैं चाहूंगा कि आप समझें कि मैं क्या करता हूं। एक विदेश मंत्री के दो बड़े कार्य होते हैं। पहला भारत को दुनिया से परिचित कराना। साथ ही दुनिया को यह समझाना कि भारत नया क्या कर रहा है।”
एस जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पिछले आठ वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति की तीन मुख्य परतें हैं। पहला सुरक्षा केंद्रित है। दूसरा विकास केंद्रित है। तीसरा जनता केंद्रित है।” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि आज जो कुछ भी कहीं भी होता है वह दुनिया भर में सभी को प्रभावित करता है। जयशंकर ने कहास “आज दुनिया के बारे में हमने जो दीवारें बनाई हैं वे टूटी हुई हैं। दुनिया में कहीं भी जो कुछ भी होता है उसका प्रभाव हर जगह महसूस किया जाता है। यूक्रेन में युद्ध और कोविड महामारी दिखाती है कि दुनिया का हम पर क्या प्रभाव है। इसने हमें किसी विशेष देश पर निर्भर नहीं होने के बारे में सिखाया है। हमें वैश्विक कार्यस्थल और वैश्विक बाजार को बढ़ाना होगा।” विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले 20-30 वर्षों में जब दुनिया में मैन्युफैक्चरिंग बढ़ रही थी, तब भारत पिछड़ गया था। आज भारत में आई-फोन का निर्माण हो रहा है। अमेरिका और चीन के बदलते स्वरूप का जिक्र करते हुए जयशंकर ने कहा, “बदलती दुनिया में दो सबसे महत्वपूर्ण घटनाएं ‘राइजिंग चाइना’ और ‘चेंजिंग यूएस’ हैं। चीन आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य रूप से आगे बढ़ा है। अमेरिका ने अपने संबंधों और साझेदारियों को लेकर बदलाव किया है।” विदेश मंत्री ने आगे कहा कि आतंकवाद और सीमा मुद्दों को लेकर पिछले आठ सालों में भारत के रवैये में काफी बदलाव आया है। उन्होंने कहा, “हम सभी जानते हैं कि भारत हमेशा आतंकवाद का शिकार रहा है। लेकिन अब इसके बारे में हमारा दृष्टिकोण बदल गया है। आप इसकी तुलना 2008 में मुंबई, इसके बाद उरी और पुलवामा में हुई घटनाओं से कर सकते हैं। आप देख सकते हैं कि अपनी नीतियों को लेकर हमारी सरकार कितनी आश्वस्त है।”