पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में कामयाब सर्जिकल स्ट्राइक की वाहवाही लूटने वाली सरकार से ऐसे रक्षा बजट की उम्मीद नहीं थी। आने वाले दिनों में पाकिस्तान और चीन से मुकाबले के लिए ऐसे बजट से किसी तरह की ठोस तैयारी संभव नहीं है। देखा जाए तो आबंटित 274114 करोड़ रुपए में करीब 12000 करोड़ रक्षा मंत्रालय के खर्च केलिए है।
अपने दोनों तरफ केदुश्मनों को देखें तो चीन हमसे पहले ही आगे है। उसके पास एक या दो पीढी के हथियार हैं। हमारी तैयारी की रफ्तार यही रही तो कुछ सालों में पाकिस्तान भी हमले आगे बढ़ जाएगा। मुझे इस बात पर भी हैरानी हुई कि बजट के बाद प्रधानमंत्री ने टीवी पर जो दस मिनट का भाषण दिया उसमें रक्षा और सेना का कही भी जिक्र नहीं था।
सोशल सेक्टर समेत सभी योजनाएं धरी की धरी रह जाएंगी अगर देश की सुरक्षा पुख्ता नहीं है। सेना के तीनों अंगों में खरीद और आधुनिकीकरण की सख्त जरुरत है। लेकिन सरकार केइस रफ्तार से निराशा हाथ लगी है।
(गुंजन कुमार के साथ ‘रक्षा एक्सपर्ट मेजर जनरल अशोक मेहता की प्रतिक्रिया’ बातचीत पर आधारित)