हॉकी महासंघ (एफआईएच) के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने भारतीय ओलम्पिक संघ (आईओए) के उपाध्यक्ष पद से शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया। बत्रा ने यह फैसला सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आईओए का अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने के विरोध में लिया है।
बत्रा ने आईओए के अध्यक्ष एन. रामचंद्रन और सचिव राजीव मेहता को पत्र लिखकर कहा, “चेन्नई में 27 दिसंबर को हुई आईओए की एजीएम में लिए गए फैसले से मैं परेशान हूं। मुझे बैठक में मौजूद सदस्यों ने बताया कि सुरेश कलमाड़ी और अभय सिंह चौटाला को आईओए के अजीवन मानद अध्यक्ष बनाए जाने का फैसला अंतिम समय पर लिया गया और सिर्फ एक मिनट में इस प्रस्ताव को पारित कर दिया गया।”
बत्रा ने कहा, “उन्होंने एजीएम के बाद बैठक खत्म होने की घोषणा कर दी और यह फैसला लेते समय आईओए की प्रतिष्ठा को नजरअंदाज किया गया।”
कलमाड़ी दिल्ली में हुए राष्ट्रमंडल खेलों-2010 में भ्रष्टाचार के आरोपी हैं वहीं चौटाला पर भी कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। इन दोनों को मंगलवार को आईओए के एजीएम में अजीवन मानद अध्यक्ष चुना गया।
इस फैसले पर खेल मंत्रालय भी आपत्ती जता चुका है और खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा था कि मंत्रालय ने आईओए को कारण बताओ नोटिस भी भेजा है। गोयल ने आईओए से सभी तरह के करार तोड़ने की चेतावनी भी दी थी।
आईओए के इस फैसले की काफी आलोचन भी हुई, जिसके बाद कलमाड़ी ने अपने कदम वापस लेते हुए कहा था कि वह तभी यह पद ग्रहण करेंगे जब निर्दोष साबित हो जाएंगे।
बत्रा ने लिखा है, “मैं आईओए द्वारा दो अजीवन मानद अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के फैसले का समर्थन नहीं करता। साथ ही मैं एक मानद अध्यक्ष द्वारा पद स्वीकार न किए जाने के फैसले का स्वागत करता हूं।”
बत्रा ने पत्र में लिखा है, “इस बात का ध्यान रखते हुए कि आपने या आईओए ने एजीएम के तीन दिन बाद भी अजीवन मानद अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के फैसले को वापस नहीं लिया। इसलिए मैं इसके विरोध में अपनी आपत्ती दर्ज कराता हूं और संघ के उपाध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा देता हूं।”
उन्होंने लिखा, “मैं अपने छोटे से कार्यकाल में मेरा साथ देने वाले संघ के सभी लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं।