चुनावी साल में शिक्षकों को एक और तोहफा मिलने जा रहा है। इंटर कालेज में रिक्त प्रधानाचार्य के पदों को भरने के लिए सरकार हेडमास्टर पद पर पांच साल की सेवा की शर्त को हटाने की तैयारी में है। 27 जुलाई को प्रस्तावित कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाया जाएगा। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इसके संकेत दिए। इस वक्त इंटर कालेज में 700 से ज्यादा पद खाली हैं। इनमें तदर्थ प्रधानाचार्य और प्रभारी प्रधानाचार्य जैसे तैसे काम चला रहे हैं। यदि शिथिलीकरण होता है तो ढाई साल की सेवा ही पर्याप्त होगी। पहले चरण में 400 प्रधानाचार्यों की तैनाती होगी।
यह है कारण: राज्य में हाईस्कूल के मुकाबले इंटर कालेज का अनुपात शुरू से ही बिगड़ा हुआ है। इंटर कालेज की संख्या 1382 हाईस्कूल की संख्या 932 है। नियमानुसार हाईस्कूल की संख्या ज्यादा और इंटर कालेज की कम होनी चाहिए थी।इंटर कालेज में स्थायी प्रधानाचार्य की नियुक्ति से स्कूल में अनुशासन और शैक्षिक गुणवत्ता ज्यादा बेहतर हो सकेंगे। सरकार प्रमोशन के मानकों को सरल करने का प्रयास कर रही है।