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UP : प्रधान, बीडीसी व जिला पंचायत सदस्य भी अब एमएलसी बनने की तैयारी में

पंचायत चुनाव में ग्राम प्रधान, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य बन चुके प्रतिनिधि अब राज्य की सबसे बड़ी पंचायत यानि विधान भवन में बैठने की तैयारी में हैं। विधान परिषद की स्थानीय निकाय क्षेत्र की कुल 36 सीटों पर मौजूदा सदस्यों का कार्यकाल अगले साल सात मार्च को खत्म हो रहा है।

 चूंकि फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए विधान परिषद की इन 36 रिक्त होने वाली सीटों पर इसी साल नवम्बर-दिसम्बर में चुनाव करवाने की तैयारी की जा रही है। विधानपरिषद की इन 36 रिक्त होने वाली सीटों पर सत्तारूढ़ भाजपा, मुख्य विपक्षी दल सपा, बसपा, कांग्रेस जैसे प्रमुख दलों के साथ ही उ.प्र.पंचायतीराज ग्राम प्रधान संगठन भी अपने उम्मीदवार उतारेगा। 

संगठन के प्रवक्ता ललित शर्मा ने बताया कि उनके संगठन ने 10 सीटें चुनी हैं। यह सीटें हैं बिजनौर-मुरादाबाद, आजमगढ़, देवरिया-कुशीनगर, सिद्धार्थनगर-बस्ती, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, शाहजहांपुर-पीलीभीत, वाराणसी और गोण्डा। शर्मा ने बताया कि इन दस सीटों पर उनके संगठन की सपा-राष्ट्रीय लोकदल से बातचीत चल रही है। अगर यह दोनों दल इन 10 सीटों पर उम्मीदवार खड़े न करके ग्राम प्रधान संगठन के उम्मीदवारों को समर्थन देंगे तो फिर ग्राम प्रधान संगठन आगामी विधानसभा चुनाव में इन दोनों दलों को पूरा समर्थन देगा। अगर बात नहीं बनी तो फिर ग्राम प्रधान संगठन इन सभी 36 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा।स्थानीय निकाय क्षेत्र की विधान परिषद की इन सीटों पर प्रत्याशी कोई भी हो सकता है। मगर वोटर ग्राम प्रधान, क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्य तथा पार्षद ही होते हैं। उन्होंने बताया कि इस चुनाव से पहले उनका संगठन ‘पंचायत बचाओ’ अभियान भी चलाएगा क्योंकि प्रदेश सरकार द्वारा लगातार पंचायतों के अधिकार कम किए जा रहे हैं, उनकी स्वायत्तता छीनी जा रही है।