नवाब संपत्ति विवाद में दाखिल आपत्तियों पर कोर्ट में अब 24 अगस्त को सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रामपुर नवाब खानदान की करीब 26 सौ करोड़ से अधिक की संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। पूर्व में जनपद न्यायाधीश की ओर से बंटवारे के लिए विभाजन योजना पेश की गई थी।
जिस पर पक्षकारों से आपत्ति भी मांगी गई थी। तमाम पक्षकार आपत्ति दाखिल कर चुके हैं। पूर्व में जिला शासकीय अधिवक्ता राजीव अग्रवाल ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल करते हुए कहा कि नवाब खानदान की संपत्ति में सीलिंग की जमीन भी शामिल है। इस मामले में तलत फात्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से आपत्ति दाखिल की थी जिस पर बहस हुई। नवेद मियां के अधिवक्ता संदीप सक्सेना ने बताया कि नवाब संपत्ति प्रकरण में अब 24 को सुनवाई होगी।
पिछले साल पूरा हुआ था पांच सम्पत्तियों का मूल्यांकन
करीब 45 साल के बाद 2020 में रामपुर के नवाब खानदान की पांच संपत्तियों का मूल्यांकन पूरा हुआ था। इन चल-अचल संपत्तियों की कुल कीमत 26.25 अरब रुपये आंकी गई है। मूल्यांकन रिपोर्ट जनपद न्यायाधीश कोर्ट में दाखिल की जा चुकी है। अब इस संपत्ति का बंटवारा शरीयत के हिसाब से न सिर्फ रामपुर बल्कि, जर्मनी से लेकर कैलीफोर्निया तक रह रहे नवाब रामपुर के 16 वारिसों में होगा।रामपुर में नवाब खानदान की अकूत संपत्ति को लेकर परिवार में लंबे समय से विवाद चल रहा था। इसे लेकर वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया था। इसी आधा पर यह संपत्ति स्वर्गीय मुर्तजा अली खां की बेटी निखत बी, बेटे मुराद मियां और दूसरे पक्ष के स्वर्गीय मिक्की मियां की पत्नी पूर्व सांसद बेगम नूरबानो, उनके बेटे नवेद मियां और बेटियों समेत कुल 16 लोगों में बंटनी हैं। इनमें बेगम नूरबानो, नवाब काजिम अली खां भले ही रामपुर में रहते हैं लेकिन, तलत फातिमा हसन पत्नी कामिल हसन कैलीफोर्निया में रहती हैं। समन अली खां उर्फ समन खां महाराष्ट्र में रहती हैं तो सैयद सिराजुल हसन बैंगलोर में और गिजाला मारिया जर्मनी में। खानदान के कुछ लोग दिल्ली और लखनऊ में भी हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जिला जज की ओर से नामित एडवोकेट कमिश्नर ने महीनों के सर्वे के बाद मूल्यांकन रिपोर्ट समय-समय पर कोर्ट में दाखिल की है।सबसे बड़ी संपत्ति कोठी खास बाग थी, जिसकी मूल्यांकन रिपोर्ट भी एडवोकेट कमिश्नर ने कोर्ट में 20 नवंबर को दाखिल कर दी। अलग-अलग दाखिल इन रिपोर्ट्स के अनुसार कुल संपत्ति 26.25 अरब की है। अरुण प्रकाश सक्सेना, एडवोकेट कमिश्नर ने बताया कि संपत्ति की मूल्यांकन रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। अदालत ने 23 नवंबर को सभी पक्षकारों को बुलाया है। वे अपनी बात अदालत में रख सकते हैं। किसी को कोई आपत्ति है तो आपत्ति दाखिल कर सकते हैं। संदीप सक्सेना, नवाब काजिम अली खां के अधिवक्ता बताते हैं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नवाब खानदान की संपत्ति का इस्लामी शरीयत के हिसाब से बंटवारा होना है। संपत्ति का सर्वे और मूल्यांकन रिपोर्ट के लिए दिसंबर 2020 तक का समय निर्धारित है। यह संपत्ति 16 लोगों में बंटनी है।