एआई और रोबोटिक्स का क्रिटिकल सर्जरी में योगदान’ पर भी दी गई जानकारी
नेफ्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, कार्डियोलॉजी और न्यूरोसाइंस के नवीनिकरण पर चर्चा
गांधीनगर : ग्लोबल एसोसिएशन ऑफ़ फिज़िशियंस ऑफ़ इंडियन ओरिजिन (जीएपीआईओ) का 13वां सम्मलेन गांधीनगर में संपन्न हो गया। इस दो दिवसीय सम्मलेन में 500 से अधिक डॉक्टर्स ने हिस्सा लिया, जो 57 देशों से यहाँ उपस्थित हुए, जिनमें भारतीय मूल के डॉक्टर्स, जो यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया में कार्यरत हैं, वे भी शामिल थे। इस सम्मलेन के अंतर्गत, सभी भाग लेने वाले स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित कई विषयों और स्वास्थ्य देखभाल के विभिन्न क्षेत्रों में नवीनतम इन्नोवेशंस पर विचार-विमर्श किया। इनमें कार्डियक साइंस, न्यूरोसाइंसेस, नेफ्रोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, किडनी और लिवर ट्रांसप्लांट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, न्यूट्रिशन और नर्सिंग जैसे विषय शामिल थे।
सम्मेलन में रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग पर एक विस्तृत सत्र भी आयोजित किया गया था। कोलोरेक्टल सर्जरी में रोबोटिक्स, रोबोटिक्स के साथ जटिल मायोमेक्टोमी द्वारा सीमाओं को पार करना, रोबोटिक अपर सीआई सर्जरी लाभ, रोबोटिक आर्थ्रोप्लास्टी, कार्डियक विकारों में एआई, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सरलीकृत, थोरैसिक सर्जरी में रोबोटिक्स की भूमिका जैसे विषयों पर चर्चा हुई। भारतीय संदर्भ में प्रोटॉन थेरेपी के विकसित संकेत और समझ पर ज़ोर दिया गया।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया ने कहा, भारत और दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र विशेष रूप से कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। दुनिया भर में प्रैक्टिस करने वाले भारतीय डॉक्टरों ने अपनी अलग पहचान बना ली है। देश की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए, वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में डॉक्टरों के बीच ज्ञान और सूचना का आदान-प्रदान महत्वपूर्ण है।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने कहा, भारत सफलतापूर्वक कोविड-19 महामारी की छाया से बाहर आ गया है, लेकिन गैर-संचारी रोग जैसे कैंसर, हृदय रोग और मधुमेह के बढ़ते बोझ के कारण स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में आगे बड़ी चुनौतियाँ आ गयी हैं। आगे का रास्ता, समाधान प्रदान करना है, जो किफायती भी हो और समाज के सभी वर्गों द्वारा इसका लाभ उठाया जा सके। इन समाधानों को साथ लाने और मानव जाति की सेवा करने में डॉक्टरों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है और आगे भी रहेगी।
जीएपीआईओ के संस्थापक अध्यक्ष और अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप के अध्यक्ष डॉ. प्रताप सी. रेड्डी ने कहा, भारत और विदेशों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए भारतीय मूल के चिकित्सकों की भावना को पहचानने का हम प्रयास कर रहे हैं। दुनिया भर में उनके प्रशंसनीय प्रयासों और अग्रणी कार्यों ने हर भारतीय को गौरवान्वित किया है। पुरस्कार विजेताओं का अनुकरणीय कार्य दूसरों के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत है।
जीएपीआईओ के अध्यक्ष और ग्रुप मेडिकल डायरेक्टर, अपोलो हॉस्पिटल ग्रुप, और सीनियर कंसल्टेंट पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट और हेपेटोलॉजिस्ट डॉ अनुपम सिब्बल ने कहा, जीएपीआईओ दुनिया में कहीं भी काम करने वाले भारतीय मूल के डॉक्टरों के लिए एक मंच प्रदान करता है, ताकि वे अपने ज्ञान को साझा कर सकें और समकालीन स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान और स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण का आधुनिकीकरण तथा क्लीनिकल स्किल विकास जैसे मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान कर सकें।