क्या नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुना कर पाकिस्तान भारत को कश्मीर पर बातचीत के लिए मजबूर करने का दांव खेल रहा है? इस सवाल पर सरकार के शीर्ष कूटनीतिकार और पाकिस्तान विशेषज्ञ हामी भर रहे हैं।पाकिस्तानी दांव की काट ढूंढने में जुटे विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार घाटी में सुरक्षा एजेंसियों की सख्ती और अलगाववादी तत्वों से बातचीत के इनकार पर पाक सेना असहज है। लिहाजा पिछले साल गिरफ्तार जाधव पर आनन-फानन में मुकदमा चला उसके फांसी का एलान कर उसने बड़ा कूटनीतिक दांव खेला है।
कश्मीर में उत्तरी कमान के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट जनरल अता हसनैन ने अमर उजाला से बातचीत में कहा कि जाधव के बहाने पाकिस्तान अपने कूटनीतिक आत्मविश्वास को नाप तोल रहा है। रुस और चीन के साथ बने नए समीकरण को पाकिस्तान भारत के खिलाफ इस्तेमाल कर विश्व बिरादरी का रुख भांप रहा है।
सऊदी के साथ भी पाकिस्तान के कूटनीतिक संबंध में नरमी आई है। अता ने कहा कि पाक के तीन नए कथित रॉ एजेंटों की गिरफ्तारी का दावा भी इसी रणनीति का हिस्सा है। पाकिस्तान को यह भान हो रहा है कि पिछले साल उसने कश्मीर में केंद्र सरकार को दबाव में रखा है।
इस साल वह भारत सरकार को बातचीत के मंच पर लाने को मजबूर कर सकता है, लेकिन सरकार ने कश्मीर में सख्ती का रुख अपना कर पाकिस्तान को किसी दबाव में नहीं झुकने का साफ संकेत दे दिया है। गौरतलब है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने संसद में दिए बयान में साफ कर दिया है कि पाकिस्तान को जाधव के मामले में कीमत चुकानी पड़ेगी।
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि घाटी में जमात-ए-इस्लामी और हिजबुल मुजाहिद्दीन कथित आजादी की लड़ाई को धार्मिक जेहाद का रंग देने की पुरजोर कोशिश में है। सूत्रों के मुताबिक भारत के पास पाकिस्तान के इस पैंतरे के कई काट हैं जिसे उचित समय पर इस्तेमाल किया जाएगा। फिलहाल भारत की कोशिश है कि जाधव को मौजूद रस्थिति से बाहर निकाले।
पाकिस्तान ने अपने डोजियर में जाधव को विध्वंसक वारदातों में शामिल तो बताया है लेकिन इन वारदातों में कितने लोग हताहत हुए इसका कोई जिक्र नहीं किया है। इसी के हवाले से पाक पीएम नवाज शरीफ के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार सरताज अजीज ने जाधव के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की बात कही थी। चार्जशीट में कुलभूषण के ट्रायल की टाइमलाइन भी दी गई।