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हैदराबाद एनकाउंटर मामले में 2 वकीलों ने दायर की याचिका, SC में 11 दिसंबर को होगी सुनवाई

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हैदराबाद: 

हैदराबाद में महिला चिकित्सक के साथ बलात्कार कर उसे जला कर हत्या करने वाले चारों आरोपियों के एनकाउंटर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज की गई है. इस जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बुधवार को परीक्षण करने के लिए तैयार हो गया है. याचिका पर CJI एसए बोबडे 1 दिसंबर को सुनवाई करेंगे. याचिका वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने दाखिल की है. याचिका दाखिल करते हुए दोनों ने इस पर जल्द सुनवाई करने, पुलिस वालों पर FIR दर्ज करने और कोर्ट से निष्पक्ष एजेंसी या फिर SIT से मामले की जांच कराए जाने की मांग की है. इसके साथ ही उन्होंने कोर्ट से यह भी देखने के लिए कहा है कि इस मामले में 2014 में जारी की गई सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन की पालना की गई है या नहीं.

वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा है कि इस याचिका का उद्देश्य राजनीतिक नेताओं और मीडिया की नाराजगी के इशारे पर पुलिस हिरासत में हुई हत्याओं को चुनौती देना है और भारत के नागरिकों को पुलिस द्वारा हत्या किए जाने से, भीड़ द्वारा मार दिए जाने से बचाने के लिए भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और स्वतंत्रता की रक्षा करना है. अपनी याचिका में गृह मंत्रालय, तेलंगाना के मुख्य सचिव को प्रतिवादी बनाने के साथ-साथ, शर्मा ने राज्यसभा सांसद, जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख, स्वाति मालीवाल का भी नाम दिया है.

याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि चारों की हत्या “राजनीतिक नेताओं (बच्चन और मालीवाल और अन्य) की राजनीतिक मांग के कारण हुईं” और मामले में “मीडिया ट्रायल” हुआ. उन्होंने अपनी चिंता व्यक्त की कि इन मांगों के कारण अनुच्छेद 21 का गंभीर उल्लंघन हुआ है और “भारत के निर्दोष नागरिकों की हत्या” हुई, जिससे “संवैधानिक प्रणालियों को गहरी चोट” पहुंची. याचिकाकर्ता ने जया बच्चन द्वारा दिए गए बयान पर प्रकाश डाला, जहां उन्होंने “भीड़ को हद पार करने” के लिए कहा था और मुठभेड़ को “देर आयद दुरुस्त आयद” के रूप में सराहा था.

याचिकाकर्ता ने इसे “नियोजित हत्या” कहते हुए कहा कि पुलिस के पास कोई सबूत या चिकित्सीय साक्ष्य नहीं है और 4 लोगों को मारने के बाद उन्हें सामूहिक बलात्कार और लड़की की हत्या का आरोपी घोषित किया गया. उन्होंने दोहराया कि इसके लिए मीडिया प्रचार और नेताओं की बयानबाज़ी दोषी है. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से पुलिस अधिकारियों, नेताओं और मीडियाकर्मियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई की सहायता से मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल के गठन के लिए निर्देश जारी करने की भी मांग की.

साथ ही कहा कि नेताओं और मीडिया के लोगों को निर्देश दिए जाएं कि वे ऐसे मामलों में ट्रायल पूरा होने तक उसके बारे में कोई बयान न दें. याचिकाकर्ता ने जया बच्चन और स्वाति मालीवाल के खिलाफ बिना किसी मुकदमे के पुलिस हिरासत में अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं को भड़काने” का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है. मुठभेड़ में मारे गए लोगों के परिवारों को मुआवजे के रूप में और न्याय के हित में 20 लाख रुपए देने की भी मांग की है|