Thursday , February 2 2023

दिव्यांगों की मदद के लिए बूथ दोस्त ऐप

िकलांग मतदाताओं के लिए बूथ दोस्त नाम का मोबाइल ऐप तैयार किया गया है। इस  ऐप के जरिए विकलांग और बीएलओ आपस में संपर्क स्थापित कर सकते हैं। कोई भी विकलांग इस ऐप पर निर्वाचन क्षेत्र और गांव का नाम टाइप कर यह जान सकता है कि उसका बीएलओ कौन है, उसका मोबाइल नंबर क्या है, उसके बूथ का नंबर क्या है, बूथ पर उसे क्या  सुविधाएं मिलेंगी और उसका ईपिक नंबर क्या है।workshop-present-electoral-officer_1484328910
 
   वहीं बीएलओ अपने क्षेत्र के दिव्यांग, उसके मोबाइल नंबर और दिव्यांगता के प्रकार को जान सकता है। इसके अतिरिक्त गूगल मैप के जरिए बीएलओ विकलांग बूथ की लोकेशन भी पता कर सकता है। मतदान के दिन पोलिंग स्टेशनों पर विकलांगों के लिए व्हील चेयर आदि की व्यवस्था रहेगी।

  उपजिला निर्वाचन अधिकारी एडीएम प्रशासन पीपी सिंह ने बताया कि विकलांग मतदाताओं को बूथ तक लाने में बीएलओ मदद करेंगे। उन्हें व्हील चेयर आदि की व्यवस्था दी जाएगी। वहीं दृष्टिहीन मतदाताओं को मदद के लिए एक प्रारुप फार्म को भरना होगा इसके बाद उन्हें सहायक की अनुमति दी जाएगी।  

बता दें जनपद में गुरुवार को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन  हो गया। मतदाता सूची में अब कुल मतदाताओं की संख्या 3429520 हो गई है। इसमें पुरुष मतदाता 1865139 और महिला मतदाता 1544273 हैं। इन मतदाताओं में विकलांग मतदाताओं की   संख्या 30583 है।

  जनपद में विधानसभा चुनाव-2017 को सकुशल संपन्न कराने के लिए कुल 3461 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इन पर कुल विकलांग  मतदाताओं की संख्या 30583 है। विकलांग  मतदाताओं के चिह्नीकरण का कार्य प्रशासन द्वारा कर लिया गया है। अगर विधानसभावार विकलांग मतदाताओं की स्थिति देखें तो अतरौलिया में 3583, गोपालपुर में 2138, सगड़ी में 2317, मुबारकपुर में 2622, आजमगढ़ में 2995, निजामाबाद में 3176, फूलपुर पवई में 3573, दीदारगंज में 3222, लालगंज में 4350 और मेंहनगर में 2607 विकलांग  मतदाता है।

  इन  मतदाताओं में 4595 विकलांग मतदाता दृष्टिहीन हैं। इन विकलांग मतदाताओं को बूथ तक लाना और उन्हें वोट  दिलवाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है।  इसके लिए जनपद की विकलांग कल्याण विभाग को आईकान बनाया गया है।                  

डीडीसी और स्वीप प्रभारी ऋतु सुहास ने बताया कि जिले में विकलांग मतदाताओं की संख्या 30583 है।  सबसे बड़ी बात तो यह है कि इनमें से 4595 दिव्यांग दृष्टिहीन हैं।