Thursday , February 2 2023

जान जोखिम में डाल गंगा के किनारे बने पुल से गुजरते हैं लोग

कामाख्या धाम के समीप गंगा नदी के किनारे बना पुल वाहन स्वामियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। पुल के दोनों तरफ कटान तथा मिट्टी धंसने से बड़े-बड़े गड्ढ़े बन गए हैं। ऐसे में पुल से होकर गुजरने वाले लोगों पर हर वक्त खतरा मंडरा रहा है। समय रहते जिला प्रशासन तथा विभागीय अधिकारी नहीं चेते तो बड़ा हादसा हो सकता है। सर्वाधिक खतरा सवारी लेकर जाने वाले छोटे-बड़े वाहनों को है, लोग किसी तरह पुल पार कर दूसरी तरफ जा रहे हैं।  gahmar-ngdilpur-rewatipur-from-the-railings-of-the-bridge-broken-road_1484244182
 
बारा क्षेत्र के गहमर-नगदीलपुर, दुल्लहपुर, रेवतीपुर बाईपास मार्ग पर कामाख्या  मंदिर के समीप गंगा नदी के किनारे (छाड़न) पर बने पुल इस समय काफी खतरनाक हो गए हैं। पुल के दोनों ओर कटान तथा मिट्टी के धंसने से बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। जिसमें वाहनों के फिसलकर गिरने का खतरा बना रहता है। इसके चलते कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है। पिछले साल अगस्त माह में पूरा इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया था। यह पुल पूरी तरह एक सप्ताह तक बाढ़ के पानी में डूबा हुआ था।

बाढ़ का पानी खत्म होते ही जब गाड़ियों का परिचालन आरंभ हुआ तो इस पुल के दोनों किनारों पर दलदल होने और पानी के कटान से लगभग एक से डेढ़  फीट तक गड्ढा बन गया है। नम मिट्टी भी धंसती गई और खतरनाक गड्ढ़े बन गए। इसे दुरुस्त करने के लिए वाहन चालकों की तरफ से मिट्टी और ईंट के टुकड़े  भी डाले गए, लेकिन यह दोनों किनारों से कट गया है। शेष हिस्सा भी प्रतिदिन टूट रहा है। पुल के दोनों ओर की मिट्टी वाहनों के  दबाव से धंसती जा रही है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर इस पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो यहां कभी भी यात्रियों से भरे सवारी वाहन नदी में गिर सकते हैं और बड़ा हादसा हो सकता है। इलाके के लोगों ने इस समस्या को दूर करने के लिए विभागीय अधिकारी तथा जिला प्रशासन से गुहार लगाई है। लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई भी कार्य नहीं हो सका है। ऐसे में खतरा दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इस संबंध में पीडब्लूडी के अवर अभियंता एसपी सिंह ने बताया कि पुलिया के पास मिट्टी धंसने की बात मेरे संज्ञान में है। बहुत जल्द यहां कार्य होगा और समस्या से लोगों को निजात मिल जाएगा।