Monday , February 13 2023

लखनऊ में एक तकनीकी खामी की वजह से सजा भुगत रहे हैं 70 हजार लोग

लखनऊ के गोमती नगर विस्तार की सीवर लाइनों में तकनीकी खामी की आशंका है। जिसकी वजह से 17 वर्ष बाद भी यहां सीवर की समस्या का निदान नहीं हो पाया है। तमाम प्रयासों के बावजूद सीवर लाइनों से सीवर नहीं निकल पा रहा है। रोजाना कॉलोनी में सीवर उफनाता रहता है। इसकी वजह से 70 हज़ार लोग सजा भुगत रहे हैं। गोमती नगर विस्तार का विकास 2004 से 06 में किया गया था। एलडीए के तत्कालीन अधिकारियों ने गोमती नगर विस्तार को सबसे एडवांस व स्मार्ट कॉलोनी होने का दावा किया था। सीवरेज सिस्टम से लेकर ड्रेनेज सिस्टम तक सभी अत्याधुनिक तकनीक से बनाने की बात कही गई थी। इसीलिए यहाँ एलडीए ने सबसे महंगी जमीनें बेची थीं। लेकिन अब जब कॉलोनी बस गई है तो सीवर की समस्या और विकराल रूप लेती जा रही है। अब इसमें तकनीकी खामी की आशंका जताई जा रही है। कहा जा रहा है कि सीवर लाइन का लेवल ठीक नहीं है। जिसकी वजह से इससे सीवर डिस्पोजल नहीं हो पा रहा है। लाइन में ही सीवर भरता और उफनाकर सड़कों, लोगों के घरों में बहता है। हालांकि अभी तक इसकी वृहद तकनीकी जांच नहीं कराई गई है। लेकिन स्थानीय निवासी तकनीकी खामी की बात कह रहे हैं।

 पंपिंग स्टेशन के सम्पवेल में लाइन के ऊपर ढाई मीटर तक भरा सीवर

गोमती नगर विस्तार के सीवर के डिस्पोजल के लिए पंपिंग स्टेशन के पास सम्पवेल बना है। इसी में गोमतीनगर विस्तार की मेन सीवर लाइनें आकर मिलती हैं। यहां से पंपिंग स्टेशन से सीवर को लिफ्ट कर एसटीपी भेजा जाता है। योजना का काम देखने वाले एलडीए के अधिशासी अभियंता अवनींद्र कुमार सिंह ने इसकी गहनता से जांच की। उन्हें पंपिंग स्टेशन के सम्पवेल में सीवर लाइन के 2.50 मीटर ऊपर तक सीवर भरा हुआ मिला। उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है की लाइन के 2.50 मीटर ऊपर तक सीवर भरा होने की वजह से सीवर लाइन का फ्लो शून्य हो गया है। 

गोमती नगर विस्तार की शशि कुमार मिश्रा का कहना है कि सीवर लाइन की समस्या काफी विकराल है। रोड पर अकसर सीवर भरा रहता है। निश्चित तौर पर यहां सीवर लाइन में तकनीकी खामी है। मैं पिछले 10 सालों से लगातार शिकायत कर रहा हूं। 2016 में कुछ काम हुआ था। लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ है।एलडीए अधिशासी अभियंता अवनींद्र कुमार सिंह ने बताया कि सीवर लाइन में तकनीकी खामी की अभी पुष्टि नहीं हुई है। हमने निरीक्षण कर गहनता से परीक्षण किया है। सम्पवेल में 2.50 मीटर ऊपर तक सीवर भरा हुआ मिला है। इसका निदान तलाशा जा रहा है।
 
लखनऊ जन कल्याण महासमिति अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि सीवर सफाई के नाम पर हर साल करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है। गोमती नगर विस्तार की सीवर लाइनों में तकनीकी दिक्कतें हैं। कई जगह यह आपस में जुड़ी भी नहीं है। एसपीएस भी तकनीकी रूप से सही नहीं है।