यूपी पुलिस को आतंकियों व अपराधियों से लोहा लेने के लिए 5.56 एमएम की अत्याधुनिक ज्वॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कारबाइन (जेवीपीसी) से लैस किया जा रहा है। 200 मीटर तक सटीक मार करने वाली इस कारबाइन से नाइट विजन कैमरे की मदद से रात में भी दुश्मन को ढूंढकर मारा जा सकता है। पहले चरण में 105 कारबाइन की खेप टेस्टिंग के बाद सोमवार को कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्टरी से सीतापुर स्थित यूपी पुलिस के आयुध भंडार पहुंच गई हैं। पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर इन्हें विभिन्न जनपदों में भेजा जाएगा।
डीआरडीओ के आयुध अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान पुणे की ओर से डिजाइन व कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्टरी में आयुध निर्माणी बोर्ड जेवीपीसी (सब मशीनगन) बनाई जा रही हैं। पूर्ण रूप से स्वदेशी इस कारबाइन का नाम मार्क अल्फा जेवीपीसी रखा गया है। सटीक लक्ष्य देने वाली यह कारबाइन फायरिंग के समय न फंसती है और न रुकती है। यह आधुनिकीकरण की दिशा में पुलिस के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
सीतापुर स्थित यूपी पुलिस के आयुध भंडार प्रभारी एएसपी अजीजुल हक ने बताया कि रविवार को कई आर्म्स मोहर्रिर की टीम कानपुर की स्माल आर्म्स फैक्टरी भेजी गई थी। वहां टीम ने टेक्निकल परीक्षण के साथ ही फायरिंग टेस्ट भी किया। मानकों पर खरी उतरने के बाद पहली खेप सीतापुर पहुंच गई है। एएसपी ने बताया कि हेडक्वार्टर के निर्देश पर इसे विभिन्न जनपदों में भेजा जाएगा।
केंद्रीय बलों की पहली पसंद है जेवीपीसी
जेवीपीसी के पहले वर्जन को पैरा मिलिट्री फोर्स ने काफी उपयुक्त माना था। ऐसे में सीआरपीएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ व बीएसएफ अब अपने जवानों को नई जेवीपीसी से लैस कर रहा है। साथ ही नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ पुलिस को भी यही कारबाइन दी जा रही है।
खासियत
बिना मैगजीन के वजन सिर्फ तीन किलोग्राम।
बुलेट प्रूफ लक्ष्य व स्टील भी भेदने में सक्षम।
कारबाइन से 200 मीटर तक सटीक निशाना।
इसका फायरिंग मोड मैनुअल व आटोमैटिक।
कारबाइन में लोड होती 30 कारतूसों की मैगजीन।
स्प्रिंग मैकेनिज्म सिस्टम के चलते कारतूसों की बेल्ट से एक मिनट में आठ सौ फायर।
यह एक बार में सबसे अधिक फायर करने वाली कारबाइन
गैस ऑपरेटेड होने से फायरिंग के बाद काला नहीं पड़ता बैरल
नाइट विजन कैमरे से रात में भी सटीक निशाना