श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राममंदिर निर्माण में फाउंडेशन के दूसरे चरण का काम संचालित है। पहले चरण में नींव भराई का काम पूरा हुआ है। दूसरे चरण में 50 फीट गहरी नींव के ऊपर डेढ़ मीटर राफ्ट डालने का काम चल रहा है, ताकि नींव और अधिक मजबूत हो। यह काम 15 नवंबर तक पूरा हो जाएगा। इस प्रकार 15 नवंबर तक राममंदिर की नींव बनकर तैयार हो जाएगी। इसके बाद राममंदिर के प्लिंथ को ऊंचा करने का काम प्रारंभ होगा।
राममंदिर निर्माण की प्रगति से बुधवार को अवगत कराते हुए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि राममंदिर की नींव बेहद मजबूत होगी। नींव की मजबूती के लिए ही डेढ़ मीटर मोटी राफ्ट डालने का काम किया जा रहा है। बताया कि 400 फीट लंबी व 300 फीट चौड़ी नींव को 17 ब्लॉकों में बांटकर राफ्ट की ढलाई की जा रही है। अब तक सात ब्लॉक ढाले जा चुके हैं।
कहा कि राफ्ट की ढलाई का काम रात में ही किया जा रहा है ताकि नींव में दरार न आने पाए। ब्लॉक को सुखाने के लिए व तापमान मेंटेन रखने के लिए बड़ी मात्रा में बर्फ का प्रयोग भी किया जा रहा है। चंपत ने कहा कि राफ्ट की ढलाई का काम 15 नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। तब जाकर राममंदिर की नींव तैयार हो जाएगी। राममंदिर की नींव तैयार होते ही मंदिर के फर्श (प्लिंथ) को ऊंचा करने का काम किया जाएगा। 16 फीट ऊंचा प्लिंथ पत्थरों से तैयार किया जाएगा। इसका काम अप्रैल तक पूरा हो जाएगा।
नींव में नही हो सकेगा पानी का रिसाव
चंपत राय ने बताया कि राममंदिर की नींव बेहद ही शक्तिशाली होगी, ताकि सदियों तक मंदिर अक्षुण्ण रहे। देशभर के विशेषज्ञ इंजीनियरों की निगरानी में नींव का काम चल रहा है। बताया कि सबसे पहले नींव के लिए खोदे गए 50 फीट गहरे गड्ढे को भरने के लिए इंजीनियरिंग फील्ड मैटेरियल का प्रयोग किया गया। कंकरीट की मोटी चट्टान पर नींव ढाली गई है। इस सीमा तक नींव को भरा गया है कि इसकी डेंसिटी 98 प्रतिशत आई है। नींव इतनी मजबूत है कि इस पर यदि पानी डाल दिया जाए तो यह रिसाव कर नींव के अंदर नहीं जाएगा। साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदा एवं भूकंप की स्थिति में भी राममंदिर सुरक्षित रहेगा।