आगरा के मलपुरा सहकारी समिति केंद्र पर रविवार को खाद के लिए मारामारी हुई। घंटों लाइन में लगने पर भी खाद नहीं मिली। धक्कामुक्की से किसान बेहोश होकर गिर पड़े। इस पर किसान भड़क गए और हंगामा शुरू कर दिया। पुलिस भी पहुंच गई, जैसे-तैसे किसानों को समझाकर शांत कराया गया।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा कि मलपुरा सहकारी केंद्र पर पर्ची काटकर किसानों को दी जा रही है, जिस पर महज एक तो किसी को दो कट्टे डीएपी के लिए ऑर्डर किया है। तीन से पांच घंटे लाइन में लगने पर भी खाद नहीं मिली। धक्कामुक्की होने लगी, इससे किसान जमीन पर गिर पड़े।
महिला किसान भी लाइन में लगी थीं, वह भी बेहोश होकर गिर पड़ी। यह देख किसान आक्रोशित हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। केंद्र का घेराव कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। अछनेरा और अकोला के केंद्रों का भी यही हाल है। यहां पर किसानों के बेटा-बेटी और पत्नी तक लाइन में लगे हैं।
कालाबाजारी करने का लगाया आरोप
किसान नेता ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी हो रही है। रैक से गोदाम आने से पहले ही खाद 1700 से 1900 रुपये प्रति कट्टा बेचा जा रहा है। शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही। विरोध प्रदर्शन में अर्जुन सिंह, महताब सिंह, अवधेश कुमार, पवन सिंह, गोपाल, श्यामवीर सिंह, हिम्मत सिंह आदि मौजूद रहे।
जाम लगाने जा रहे किसानों को किया नजरबंद
किसान नेता चौधरी रामवीर सिंह, सौरभ चौधरी को नगला हवेली स्थित आवास पर पुलिस ने नजरबंद कर दिया। खाद न मिलने पर ये लोग भगवान टॉकीज चौराहे पर जाम लगाने जा रहे थे।
किसान नेताओं ने कहा कि कृषि विभाग के अधिकारी कह रहे हैं कि खाद की कोई कमी नहीं है, पर्याप्त मात्रा में खाद आ गई है, लेकिन किसानों को नहीं मिल रही है। बिचौलियों के जरिये से कृषि विभाग इनकी कालाबाजारी करा रहे हैं। इस दौरान सत्यवीर चौधरी, धर्मवीर चौधरी, विजय सिंह, महेंद्र सिंह, सुशील कुमार मौजूद रहे।