रकम दोगुनी करने का झांसा देकर दो हजार करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों ने क्रिप्टो करेंसी में भी करोड़ों का निवेश किया था। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा की गई जब्ती की कार्रवाई के दौरान भी गिरोह के पास 24 बिटक्वाइन थे।
इसके जरिये लोगों को करीब 12 करोड़ रुपये अदा किए गए। आशंका है कि आरोपियों ने क्रिप्टो करेंसी में अब भी बड़ा निवेश कर रखा है, जिसकी जांच की जा रही है। शास्त्रीनगर निवासी फुटवियर कारोबारी लकी से हुई तीन करोड़ की ठगी के मामले में तीन दिन पहले बजरिया पुलिस ने बेंगलुरु निवासी चार आरोपियों सैय्यद अहमद फरीद, सैय्यद अम्मार, सैय्यद आफाक और नबीला मिर्जा को गिरफ्तार किया था।
आरोपी एम्बिडेंट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड नाम की कंपनी बनाकर देशभर के हजारों लोगों से करीब दो हजार करोड़ रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस जांच में सामने आया कि कंपनी के जरिये आरोपियों ने क्रिप्टो करेंसी में बड़ा निवेश किया था। ईडी की कार्रवाई से बचे 24 बिटक्वाइन से उन्होंने कुछ लोगों का पैसा चुकाया।
पुलिस को आरोपियों के कई बैंक खाते मिले, जिन्हें ईडी सीज कर चुका है। डीसीपी पश्चिम बीबीजीटीएस मूर्ति का कहना है कि गिरोह पर गैंगस्टर की कार्रवाई कर संपत्ति का पता किया जाएगा। इस दौरान ऐसी कोई संपत्ति मिलती है, जिसे ईडी ने सीज नहीं किया होगा, तो उसे पुलिस जब्त करेगी।
पुलिस अफसर ने दे दी थी जान
गिरोह से कर्नाटक के पूर्व मंत्री जनार्दन रेड्डी का कनेक्शन सामने आ चुका है। केस की जांच से जुड़े एक पुलिसकर्मी ने बताया कि बेंगलुरु पुलिस से जब इस पूरे मामले में जानकारी ली गई तो पता चला कि वहां के एक पुलिस अफसर का नाम आरोपियों से मिलीभगत में सामने आया था। इसके बाद उस अफसर ने खुदकुशी कर ली थी। हालांकि, पुलिसकर्मी ने पुलिस अफसर का नाम नहीं बताया है।
केस का विवेचक बदला
केस की विवेचना कर रहे दरोगा मोहम्मद खालिद का ट्रांसफर कुछ समय पहले कल्याणपुर थाने की विश्वविद्यालय पुलिस चौकी में हो गया था। सोमवार को उन्हें बजरिया थाने से रिलीव कर उनकी जगह दरोगा इम्तियाज अहमद को विवेचना सौंपी गई है। एसीपी सीसामऊ निशांक शर्मा ने बताया कि मामले में आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेने के लिए जल्द ही कोर्ट में अर्जी दी जाएगी।