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Corona New Variant Deltacron:ओमिक्रॉन की दहशत के बीच नए वैरिएंट डेल्टाक्रॉन से कितना खतरा? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

ओमिक्रॉन को कोरोना का अब तक का सबसे तेजी से फैलने वाला वैरिएंट बताया गया है, लेकिन साइप्रस में इसका व दूसरी लहर में कहर बरपाने वाले डेल्टा का मिश्रित रूप ‘डेल्टाक्रॉन’ सामने आया है। ऐसे में जानना जरूरी है कि डेल्टाक्रॉन कितना घातक हो सकता है? 

साइप्रस यूनिवर्सिटी में जैव प्रौद्योगिकी और मॉलिक्यूलर वायरोलॉजी की प्रयोगशाला के प्रमुख डॉ. लियोन्डियोस कोस्ट्रिक्स ने डेल्टाक्रॉन को खोजा है। उनका कहना है कि यह बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन का स्थान ले सकता है।  

वायरोलॉजिस्ट टॉम पीकॉक का कहना है कि डेल्टाक्रॉन वैरिएंट न होकर वास्तविक वैरिएंट का दूषित रूप हो सकता है। जब नए वैरिएंट की जीनोम सीक्वेंसिंग की जाती है तो इस तरह के कंटेनिमेटेड वर्सन पैदा हो सकते हैं। इन्हें आमतौर पर वैरिएंट नहीं माना जाता है। इनकी सॉर्स कोव-2 वायरस की तरह आनुवांशिक कड़ी नहीं जुड़ती है।

वॉयरोलॉजिस्ट व बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के मेडिकल साइंस विभाग के प्रोफेसर सुनीत के. सिंह ने कहा कि आरएनए वायरस जैसे कि सॉर्स-कोव-2 का यह स्वभाव होता है कि वह रूप बदलते (म्यूटेट) रहते हैं। इसके नए मिश्रित रूप का अभी अध्ययन होना है। यह जरूरी नहीं है कि कोरोना वायरस का हर रूप खतरनाक हो।

वैज्ञानिक एरिक टोपोल का कहना है कि डेल्टाक्रॉन नामकरण अधिकृत रूप से नहीं किया गया है। यह नाम साइप्रस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने रखा है। इसे लेकर अनावश्यक डर फैल गया है। साइप्रस यूनिवर्सिटी के प्राध्यापक लियोन्डियोस कोस्ट्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार साइप्रस में डेल्टाक्रॉन के अब तक 25 मरीज पाए गए हैं। हालांकि यह वैरिएंट कितना घातक है और इसका क्या असर होगा, यह अभी कहना जल्दबाजी होगी। कोस्ट्रिक्स ने कहा कि हम पता लगाएंगे कि क्या यह स्ट्रेन अधिक पैथोलॉजिकल या अधिक संक्रामक है और क्या यह पूर्व के दो मुख्य स्ट्रेन से ज्यादा असरकारी होगा। उन्होंने अपने अध्ययन के नतीजे वायरस के अंतरराष्ट्रीय डाटा बेस ‘जीआईएसएड’ को भेजे हैं। 

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