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UP: होम्योपैथी विभाग के नियुक्ति घोटाले में आठ मामलों की जांच शुरू, छोटी मछलियों को खाने की साजिश

सार

UP: होम्योपैथिक विभाग में नियुक्ति घोटाला सामने आया है। यह नियुक्तियां मृतक आश्रित कोटे में नियमों को ताक पर रखकर की गई हैं। जून में हुईं इन नियुक्तियों के आठ मामलों की जांच शुरू हो गई है। मामला खुलने के बाद उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ अफसरों को नापने की तैयारी में हैं।

सांकेतिक तस्वीर

सांकेतिक तस्वीर 

विस्तार

होम्योपैथिक विभाग में नियुक्ति घोटाला सामने आया है। यह नियुक्तियां मृतक आश्रित कोटे में नियमों को ताक पर रखकर की गई हैं। जून में हुईं इन नियुक्तियों के आठ मामलों की जांच शुरू हो गई है। यह नियुक्तियां होम्योपैथिक अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेज में स्टोर कीपर, कनिष्ठ सहायक, पुस्तकालय लिपिक सहित अन्य पदों पर की गईं हैं। मामला खुलने के बाद उच्चाधिकारी अपने अधीनस्थ अफसरों को नापने की तैयारी में हैं।

सूत्रों का कहना है कि विभाग में 1993 से लेकर 2021 तक सेवा के दौरान कई कर्मचारियों की मौत र्हुई। इसके चलते आश्रित कोटे के तमाम पद खाली थे। इन्हें को भरने के लिए बीते जून में आश्रितों की नियुक्तियां की गईं। ये नियुक्तियां गाजीपुर, ललितपुर, अंबेडकरनगर, प्रयागराज, बलरामपुर, सीतापुर, उन्नाव, लखनऊ के होम्योपैथिक विभाग और मेडिकल कॉलेज में हुईं। पर इनमें नियमों को अनदेखी की गई।

दरअसल, शासन की ओर से 12 नवंबर, 2021 को उप्र. सेवाकाल में मृत सरकारी सेवकोें के आश्रितों की भर्ती (12वां संशोधन) नियमावली 2021 जारी किया गया। इसे 12 नवंबर से लागू करने का आदेश भी दिया गया। इसमें अविवाहित पुत्री को भी आश्रित के रूप में नौकरी देने का नियम बनाया गया। लेकिन विभाग में मृतक आश्रित में विवाहिता बेटी को भी नौकरी दे दी गई।

इसी तरह कुछ की नियुक्तियों में आश्रित कोटे में 20 से 29 साल बाद नियुक्ति दी गई है, जबकि पांच साल के अंदर ही नौकरी देने का प्रावधान है। कई अन्य मानकों की भी अनदेखी की गई है। ये नियुक्तियां जून 2022 में की गईं हैं और तत्कालीन निदेशक सेवानिवृत्त हो चुके हैं। नियुक्ति पत्र पाने के बाद कुछ कर्मचारियों ने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। 

सूत्रों का कहना है कि विभाग में 17 नियुक्तियां हुई हैं, इनमें से आठ में गड़बड़ियां हुईं हैं। फिलहाल संबंधित जिलों के जिला होम्योपैथिक अधिकारियों, राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को नोटिस जारी स्पष्टीकरण मांगा गया है।

शिकायतों पर जांच जारी है
प्रकरण मेरे कार्यभार ग्रहण करने से पहले का है। कुछ शिकायतें मिली हैं, जिन्हें दिखवाया जा रहा है। जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
– प्रो. अरविंद कुमार वर्मा, निदेशक होम्योपैथिक

दोषी के खिलाफ कार्रवाई होगी
 प्रकरण पता करती हूं। नियम विरुद्ध नियुक्ति हुई है तो जांच कराई जाएगी। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।