देहरादून : एसटीएफ के हत्थे चढ़े लखीमपुर खीरी के कारोबारी रुपेंद्र का हाथ दरोगा भर्ती धांधली में भी था। बताया जा रहा है कि उसने आरएमएस टेक्नो सॉल्यूशन के कर्मचारियों के साथ मिलकर पंतनगर विश्वविद्यालय के अधिकारियों से मिलीभगत की थी। इसके बाद परीक्षा का पेपर आउट कराया गया। इस मामले में विजिलेंस ने भी उससे पूछताछ की है।स्नातक स्तरीय परीक्षा की जांच के दौरान वर्ष 2015 में हुई दरोगा की सीधी भर्ती में भी धांधली की बात सामने आई थी। यह परीक्षा पंतनगर विवि की ओर से कराई गई थी। लेकिन, इसके प्रश्नपत्र आरएमएस कंपनी की प्रिंटिंग प्रेस में ही छपवाए गए थे। इस परीक्षा में धांधली के संबंध में आठ अक्तूबर 2022 को पंतनगर विवि के पूर्व अधिकारी दिनेश चंद, आरएमएस के मालिक राजेश चौहान, सादिक मूसा, पंतनगर विवि के एक डीन समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था।
अब जांच में सामने आया है कि रुपेंद्र इस धांधली में पंतनगर विवि के अधिकारियों और आरएमएस कंपनी के बीच की कड़ी बना था। सूत्रों के मुताबिक, उसने दिनेश चंद और अन्य अधिकारियों की पहचान आरएमएस के मालिक राजेश चौहान से कराई थी। आरएमएस ने ही प्रश्नपत्र और ओएमआर शीट प्रकाशित की थी तो इसकी पूरी जानकारी रुपेंद्र को थी। इसके लिए रुपेंद्र ने दोनों तरफ से काफी पैसा लिया था। हालांकि, इससे अधिक उसकी और क्या भूमिका रही, यह विजिलेंस की जांच में ही पता चलेगा। एएसपी विजिलेंस रेनू लोहानी के नेतृत्व टीम ने रुपेंद्र से पूछताछ की है। उसे न्यायालय के आदेश पर 14 दिन की न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है।