अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान वंखुशी फॉउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजन
वाघा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एवं एमोहा हैल्थ केयर ने दिया तकनीकी सहयोग
मेदांता अस्पताल लखनऊ की टीम ने किया बेसिक लाइफ सपोर्ट पर प्रशिक्षित
लखनऊ : बेसिक लाइफ सपोर्ट (बीएलएस) और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) आवश्यक जीवन-रक्षक कौशल हैं जो किसी आपात स्थिति के दौरान किसी मरीज को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों का प्रशिक्षित होना जरूरी है। इसी को देखते हुए खुशी फॉउण्डेशन द्वारा विभिन्न संस्थानों में बीएलएस और सीपीआर प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी क्रम में बुधवार को अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान गोमती नगर में खुशी फॉउण्डेशन एवं मेदांता हास्पिटल, लखनऊ द्वारा सीपीआर एवं बीएलएस प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। इसमें करीब 150 लोगों को जीवन रक्षा संबंधी गहन प्रशिक्षण दिया गया। शिविर का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या के साथ विशिष्ट अतिथि विधान परिषद डॉ लालजी प्रसाद निर्मल ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध ने की।
कार्यक्रम का आरंभ भगवान बुद्ध की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन, बुद्ध वंदना तथा भजन से हुआ। मुख्य अतिथि उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि बौद्ध धर्म एक शांतिवादी, मानवतावादी और वसुधैव कुटुम्बकम की भावना पैदा करने वाला धर्म है। बौद्ध धर्म को अपनाकर आज के इस वैज्ञानिक एवं भूमंडलीकरण के युग में विश्व शांति की स्थापना की जा सकती है। भारत सरकार द्वारा बौद्ध धर्म के संरक्षण एवं विकास के लिए किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर लाल जी प्रसाद निर्मल ने बताया कि बौद्ध धर्म के नियमो पर चलकर मानव आध्यात्मिक उन्नति के साथ-साथ शुद्ध चित्त, विकार रहित शरीर प्राप्त करता है। संस्थान के का० अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध ने अपने अध्यक्षीय भाषण में बताया कि विश्व में व्याप्त भ्रष्टाचार, आतंकवाद, ईर्ष्या-द्वेष की भावना को समाप्त कर एक स्वस्थ, संपन्न, लोकमंगलकारी समाज के निर्माण में भगवान बुद्ध के उपदेश सार्वभौमिक व सर्वकालिक हैं। इसके साथ ही बुन्देलखंड की धरती पर भारत सरकार द्वारा बौद्ध धर्म के विकास एवं विस्तार के लिए किये जा रहे कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला।
इस महत्वपूर्ण शिविर के आयोजन पर मेदांता अस्पताल के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. राकेश कपूर ने कहा, “बीएलएस एक महत्वपूर्ण जीवन रक्षक कौशल है जो हर किसी को सीखना चाहिए। आपातकालीन स्थितियों में जीवन बचाने के लिए यह एक आवश्यक कौशल हैं। घटना-दुर्घटना के बाद शुरुआती कुछ मिनट सबसे महत्वपूर्ण होते हैं और इस समय सीपीआर और बीएलएस का प्रशिक्षण जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। बेसिक लाइफ सपोर्ट ट्रेनिंग लोगों को गोल्डन आवर्स में मरीज को अस्पताल पहुंचाने में मदद करने के लिए महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। इस तरह के शिविर लोगों को जीवन रक्षक के तौर पर तैयार करने, स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बनाने और उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। मेदांता हॉस्पिटल लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। हम भविष्य में भी इस तरह के शिविरों का आयोजन करते रहेंगे।”
दूसरी तरफ खुशी फॉउण्डेशन के सहयोगी संस्थान डॉक्टर यसनो (DOCTOR YESNO) की निदेशक ज्योति ने बताया कि खुशी फॉउण्डेशन के सहयोग से हर तीसरे माह इस तरह के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जाता है जिससे कि आमजन को ज़्यादा से ज़्यादा जीवन रक्षा सम्बन्धी प्राथमिक चिकित्सा से अवगत कराया जा सके और अब मेदांता अस्पताल के इसमें जुड़ जाने से इस क्षेत्र में और भी सुधार देखा जा सकेगा। इस दौरान युवा समाजसेवी रिया द्विवेदी ने खुशी फाउण्डेशन द्वारा संचालित अनमोल क्लॉथ बैंक के बारे में जानकारी प्रदान की एवं बताया कि खुशी फॉउण्डेशन का उद्देश्य स्थानीय शैक्षिक कार्यक्रम और चिकित्सा सुविधाएं विकसित करना है और ऐसा करके वंचित समाज के लिए बेहतर अवसर प्रदान करना और इस दुनिया के उनके अनुभव को आनंदमय बनाना है।
कार्यक्रम के अंत में खुशी फॉउण्डेशन की तरफ से ऋचा ने अंतराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान के अध्यक्ष हरगोविंद बौद्ध एवं निदेशक डॉ. राकेश सिंह और मेदांता अस्पताल लखनऊ को धन्यवाद ज्ञापित किया और उन्होंने दोनों ही संस्थानों की तरफ से भविष्य में इस तरह के और भी प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने की अपेक्षा की। अंत में निदेशक संस्थान डॉ. राकेश सिंह ने कार्यक्रम में आए हुए गणमान्य अतिथियों, बौद्ध भिक्षुओं, वक्ताओं, मीडिया कर्मियों एवं विद्वानों, छात्र-छात्राओं के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया। इस दौरान बौद्ध संस्थान से अमरेंद्र, इमोहा से राहुल तिवारी, खुशी फॉउण्डेशन से अभिजीत, प्रशांत मिश्रा, दीपांशु उपस्थित रहे।